Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में भूमि पूजन के बाद सीता मंदिर को लेकर बढ़ीं उम्मीदें
Ayodhya Ram Mandir मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2018 में सीता मंदिर बनाने की कर चुके हैं घोषणा। 20 एकड़ जमीन चिह्नित करने के बाद से आगे नहीं बढ़ सका काम।
सीतामढ़ी, [मुकेश कुमार 'अमन'] । Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ ही सीता मंदिर बनाने की मांग तेज हो गई है। मुख्यमंत्री दो साल पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं। इसके लिए 20 एकड़ जमीन भी चिह्नित की जा चुकी है। लेकिन, उसके बाद काम आगे नहीं बढ़ सका।अप्रैल 2018 में पुनौराधाम के जीर्णोद्धार की आधारशिला रखने सीतामढ़ी आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीता मंदिर बनाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि यह देश का सबसे बड़ा मंदिर होगा। इसके लिए पुनौराधाम जानकी मंदिर परिसर में 20 एकड़ जमीन भी चिह्नित की गई है। बिहार सरकार और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से रामायण सर्किट के तहत इस योजना को आगे बढ़ाने की बात हुई थी। लेकिन, कुछ नहीं हुआ।
अभी तक चल रहा है इंतजार
पटना में 2018 में आयोजित विराट हिंदुस्तान संगम में भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी सीता मंदिर निर्माण की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि विराट हिंदुस्तान संगम इस मंदिर का निर्माण करेगा। यह एशिया का सर्वोत्तम मंदिर होगा। इस बारे में भी कुछ नहीं हो सका।
माता सीता को मिले सम्मान
सीतामढ़ी चैंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक सचिव राजेश कुमार सुंदरका का कहना है कि राम मंदिर का शिलान्यास तो हुआ, लेकिन सिया तो जैसे गुम हो गई हैं। उन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर महत्व नहीं मिला। जानकी जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार कहते हैं कि माता सीता की जन्मस्थली पूरे बिहार का सम्मान और स्वाभिमान है। सीएम की घोषणा के दो साल बीत चुके हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं दिख रहा है। जल्द काम शुरू होना चाहिए। स्थानीय सांसद सुनील कुमार का कहना है कि पुनौराधाम मंदिर परिसर में ही अलग स्थान माता सीता को दिया जाना है। चूंकि यहां उनकी प्रकटस्थली है, इसलिए यह मंदिर बाल स्वरूप वाला होगा। मुख्यमंत्री को उनकी घोषणा याद दिलाऊंगा।