एईएस के बाद बाढ़ जिले के नौनिहालों के लिए साबित हो रही जानलेवा Muzaffarpur News
मीनापुर में एक ही परिवार के तीन बच्चों की डूबने से हो गई मौत। उत्तर बिहार में बाढ़ में अब तक मरने वाले 23 लोगों में अधिकतर बच्चे।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आठ माह के अर्जुन ने अभी जिंदगी शुरू भी नहीं की थी कि मौत आ गई। बागमती की धारा ने उसे लील लिया। सिर्फ अर्जुन ही नहीं। मीनापुर के शीतलपट्टी के शत्रुघ्न राम ने मंगलवार को तीन बच्चों को खो दिया। इस परिवार के लिए बाढ़ काल बनकर आई। सोमवार को भी जिले में पांच बच्चे नदी की तेज धारा में डूब गए। इसमें से तीन की मौत हो गई। एक का अब तक पता नहीं चल सका है।
बाढ़ की स्थिति जैसे जैसे विकराल होती जा रही, एईएस के भय से उबरे माता-पिता को बच्चों की चिंता फिर सताने लगी है। क्योंकि एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रॉम) से उत्तर बिहार के करीब डेढ़ सौ बच्चों की इस बीमारी से मौत हो गई थी। इन बच्चों की मौत का जख्म अभी भरा भी नहीं था कि बाढ़ ने उसे कुरेदना शुरू कर दिया है। नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों की नींद गायब है। यहां भी चिंता इस बात की है कि अचानक पानी आया तो बच्चों को कैसे निकालेंगे। इसका उदाहरण है कि अब तक उत्तर बिहार में बाढ़ में डूबने से जिन 23 लोगों की मौत हुई है उसमें अधिकतर बच्चे हैं। शिवहर में भी आज एक साथ छह सहेलियां पानी में डूब गई थीं। इनमें पांच की मौत हो गई।
बेटे को बचाने के लिए पानी में कूद पड़ी रीना
मीनापुर के शीतलपट्टी में मंगलवार की घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। घटना के बारे में बताया जा रहा कि बागमती में नहाते समय राजकुमार (10) डूबने लगा। बेटे को बचाने के लिए रीना भी पानी में कूद पड़ी। उसे साथ छोटी बेटी राधा (छह) भी छलांग लगा दी, लेकिन कोई भी किसी को नहीं बचा सका। यह देख भाई अर्जुन को नीचे रख ज्योति कुमारी (12) ने भी अंतिम कोशिश की। मगर, बागमती की तेज धारा में चारों डूबने लगे। इस बीच अर्जुन भी लुढ़ककर पानी में चला गया। एक साथ पांच लोगों के डूबने से कोहराम मच गया। स्थानीय लोगों व गोताखोरों की मदद से रीना व राधा को बचा लिया गया। मगर, तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया। अर्जुन का शव पांच घंटे बाद मिला। शव निकलते ही चारों ओर चीख-पुकार मच गई। एईएस से सबसे अधिक बच्चों को खोने वाला मीनापुर आज फिर गमगीन है। साथ ही चिंता भी। आखिर कैसे बचें उनके नौनिहाल।
जागरूकता अभियान चलाएगा प्रशासन
एईएस से बच्चों को बचाने के लिए प्रशासन ने जागरूकता अभियान चलाया था। अब बाढ़ में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए भी प्रशासन लोगों को जागरूक करने की योजना तैयार कर रहा। अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन अतुल कुमार वर्मा ने कहा कि गांवों में प्रचार किया जा रहा कि लोग सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। बाढ़ में बच्चों व महिलाओं के डूबने का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए विशेष योजना तैयार की जा रही।