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आजादी के दशकों बाद, विकास की है दरकार

मुजफ्फरपुर। सीतामढ़ी जिले के अनुमंडल मुख्यालय से सटे पुपरी प्रखंड का झझिहट गांव। तकरीबन 12 हजार की आ

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 03:59 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 03:59 PM (IST)
आजादी के दशकों बाद, विकास की है दरकार
आजादी के दशकों बाद, विकास की है दरकार

मुजफ्फरपुर। सीतामढ़ी जिले के अनुमंडल मुख्यालय से सटे पुपरी प्रखंड का झझिहट गांव। तकरीबन 12 हजार की आबादी वाले इस गांव को आजादी के दशकों बाद भी विकास की दरकार है। सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली और बेरोजगारी जैसे मूलभूत सुविधाएं आज भी मयस्सर नहीं है। इन तमाम समस्याओं के बीच लोग खुद के बल पर बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश में लगे हैं। इस हकीकत से रु-ब-रु होने के लिए दैनिक जागरण के तत्वावधान में आयोजित गांव की पाती में लोगों ने बिजली, पानी, स्वास्थ्य, जलनिकासी के अलावा बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। लोगों ने गांव के विकास के लिए अलग से बजट का प्रावधान के साथ-साथ पारदर्शिता बनाए रखने और कार्यो को धरातल पर ईमानदारी के साथ उतारने की दिशा में ठोस रणनीति की बात कही। महादलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के उत्थान को लेकर चर्चा की।

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बेरोजगारी के कारण पिछड़ा है गांव : शहर से सटे इस गांव व पंचायत में पढ़े लिखे बेरोजगारों की फौज जमा है। आबादी के एक चौथाई लोग मजदूरी और खेती पर निर्भर हैं तो युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं। इक्का-दुक्का ही उच्च पद पर हैं। सरकारी नौकरी में एक फीसद से भी कम लोग ही हैं। इनमें शिक्षक की संख्या अधिक है। मजदूर वर्ग के लोगों को नियमित रोजगार नहीं मिल रहा है। खेती के लिए ¨सचाई की व्यवस्था नहीं है।

मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी : आजादी के दशकों बाद भी अधिकांश टोले-मोहल्ले में नाले का निर्माण नहीं कराया गया है। लिहाजा बरसात ही नहीं सालोंभर लोग जलनिकासी की समस्याओं से जूझ रहे हैं। हालांकि, पेयजल मामले में हर घर नल जल योजना के तहत वार्ड 2, 6, 9 व 10 में कार्य चल रहा है। गांव में आज भी कई मोहल्ले में जाने के लिए अच्छी सड़क नहीं है। कहीं खरंजा तो कहीं टूटी सड़कें गांव की पहचान है। बिजली के मामले में भी वार्ड 1 से 11 तक खस्ता हाल है। लोग बांस बल्ले के सहारे बिजली जलाने को विवश हैं। लोगों को समय से डीलर खाद्यान्न नहीं देता। आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कागज पर ही हो रहा है। भहमा गांव में जर्जर विद्यालय हादसे को आमंत्रित कर रहा है। शिक्षा व्यवस्था बेपटरी है। भहमा में वर्षो पूर्व स्थापित नलकूप दिखावे की वस्तु बना है। ऑपरेटर नहीं है। पटवन के लिए नाला नहीं है।

चौपाल में इनलोगों ने रखी अपनी राय : चंदेश्वर ठाकुर, संतोष कुमार ठाकुर, विश्वनाथ चौधरी, देवक पंडित, नागेंद्र पासवान, शुभम कुमार, मो. नौशाद, मो. वशिउल्ला समेत दर्जनों ग्रामीणों ने विकास को तेज गति से धरातल पर उतारने की बात कही। कहा कि गांव को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ईमानदारी से जो प्रयास होना चाहिए वह नहीं हुआ। कहा कि देश बदल रहा है, लेकिन गांव की तस्वीर नहीं बदल रही है। विकास में अफसरशाही और भ्रष्टाचार बाधक बना हुआ है।

बोले ग्रामीण

दिनेश शर्मा ने कहा कि गांव में पढ़े लिखे युवाओं की कमी नहीं है। लेकिन, उसे रोजगार नहीं मिलता। दूसरे प्रदेश में डिग्री लेकर भटकना पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के क्षेत्र में कोई योजना बनानी चाहिए। वार्ड 6 में पोल गाड़ दिए गए, लेकिन तार नहीं है। पप्पू शर्मा ने कहा कि लोग पैसे खर्च कर बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन रोजगार नहीं मिलने से वह मजबूरन कहीं जाकर नौकरी करता है। गरीब पैसे की किल्लत से व्यवसाय करने में कतराते हैं। तंग आकर पलायन कर जाते हैं। सरकार को गांव स्तर पर ही छोटे-छोटे उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए।

संजीत शर्मा ने कहा कि सबसे बुरा हाल वार्ड 6 का है। यह पंचायत का सबसे बड़ा वार्ड है। लेकिन, सड़क जर्जर है। नाला नहीं है और बिजली की हालत काफी खराब है। वैसे तो कुछ परिवर्तन हुआ है, लेकिन अभी भी कईं समस्याएं मुहं बाए खड़ी है। कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान की दिशा में ठोस प्रयास की जरूरत है।

जगदीश मुखिया ने कहा कि गांव में विकास जितना होना चाहिए उतना नहीं हुआ। अहम समस्या स्वास्थ्य, सड़क व पानी की है। एक चापाकल पर दर्जनों परिवार निर्भर हैं। दशकों से एक उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की मांग हो रही है। लोगों को अभी भी 8 से 10 घंटे ही बिजली मिलती है। मुखिया माधुरी देवी बताती है कि गांव में विकास कार्य जारी है। अभी मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल से जल का कार्य चल रहा है। इसके अलावा सड़क, नाला को प्राथमिकता में रखा गया है। जनवितरण प्रणाली व्यवस्था चौपट है। गरीबों को नियमित अनाज नहीं मिलता। एक भी आंगनबाड़ी केंद्र सही से नहीं चल रहा। बावजूद पंचायत में विकास हर हाल में करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। इसमें जनता के सहयोग की अपेक्षा है।

गांव एक नजर में :

आबादी लगभग 12000, क्षेत्रफल 300 हेक्टेयर, मतदाता 6000, साक्षरता 67.32 प्रतिशत, पुरुष साक्षरता दर 57.04, महिला 40.85 फीसद, ¨लगानुपात 934


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