डेयरी के बाद अब सब्जी व फल उत्पादकों के लिए काम करेंगे रवि प्रकाश West champaran News
सस्ते और स्वदेशी चिलिंग प्लांट का आविष्कार कर जीते हैं ब्रिक्स यंग इनोवेटर का पुरस्कार। पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं रवि बिहार के किसानों के लिए करना चाहते काम।
सुनील आनंद, पश्चिम चंपारण। दूध को फटने से रोकने के लिए सस्ते और स्वदेशी चिलिंग प्लांट का आविष्कार कर ब्राजील में 'ब्रिक्स यंग इनोवेटर' पुरस्कार जीतने वाले रवि प्रकाश अब सब्जी और फल उत्पादक किसानों के लिए काम करेंगे। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआइ) करनाल से रिसर्च कर रहे रवि ने दूरभाष पर बताया कि सब्जियों और फलों को कम खर्च में अधिक समय तक कैसे सुरक्षित रखा जा सके, इस बारे में शोध करेंगे। इससे किसानों को काफी फायदा होगा।
पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज प्रखंड के हरसरी पुरैनिया गांव के मध्यमवर्गीय किसान अरङ्क्षवद कुमार के पुत्र रवि ने बताया कि चंपारण के किसानों को डेयरी उद्योग से बेहतर लाभ हो, उनकी चुनौतियां कम हों, इसके लिए पूर्वी चंपारण के पिपराकोठी स्थित डेयरी डेवलपमेंट सेंटर आना चाहते हैं। अगर सरकार से सहयोग मिले तो यहां डेयरी से जुड़ीं अन्य चुनौतियों पर शोध करेंगे। चंपारण के बहुत से दूध उत्पादक किसानों का डेयरी उद्योग से जुड़ाव नहीं है। इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
भविष्य में गन्ना पर भी करेंगे रिसर्च
चंपारण में गन्ने की काफी खेती होती है। उनका है कि भविष्य में गन्ना किसानों की चुनौतियां कम करने की दिशा में भी शोध करूंगा। कहते हैं कि हम कई बार सफल नहीं हो पाते। लेकिन, हिम्मत नहीं हारना चाहिए। किसानी में भी बेहतर कॅरियर बनाया जा सकता है। कृषि से भी हम अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। युवाओं को कृषि के क्षेत्र में आगे आना चाहिए।
केंद्र सरकार की कृषि नीति की सराहना करते हुए कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि किसानों की आय दोगुनी हो। इसमें वैज्ञानिकों की भी भूमिका है। बिहार में नौकरी के लिए पलायन बड़ी चुनौती है। मेरी कोशिश है कि प्रदेश के किसान कृषि को औद्योगिक रूप दें। गांव के दो-चार किसान मिलकर अपना लघु उद्योग संचालित करें। इसमें सरकार की ओर से मदद मिले।