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#AESinMuzaffarpur : मुजफ्फरपुर में एईएस ने तोड़ा 2012 का रिकॉर्ड, अब तक 125 बच्चों की मौत Muzaffarpur News

बुधवार को पांच और बच्चों की मौत 30 नए मरीज भर्ती। साल 2012 में 336 मरीजों को कराया गया था भर्ती।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 10:37 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 10:37 PM (IST)
#AESinMuzaffarpur : मुजफ्फरपुर में एईएस ने तोड़ा 2012 का रिकॉर्ड, अब तक 125 बच्चों की मौत Muzaffarpur News
#AESinMuzaffarpur : मुजफ्फरपुर में एईएस ने तोड़ा 2012 का रिकॉर्ड, अब तक 125 बच्चों की मौत Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुजफ्फरपुर में एईएस ने 2012 में 120 बच्चों की मौत का रिकॉर्ड तोड़ दिया। एसकेएमसीएच में बुधवार की सुबह पांच और बच्चों की मौत के बाद यह आंकड़ा पार हो गया। अब तक इस बीमारी से 125 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि, विभिन्न अस्पतालों में अब तक 473 बच्चों को भर्ती कराया जा चुका है। साल 2012 में 336 को भर्ती कराया गया था। इधर, पीडि़तों के आने का सिलसिला भी थम नहीं रहा। एसकेएमसीएच में 22 से ज्यादा नए मरीजों को भर्ती किया गया। जबकि, आठ बच्चे केजरीवाल अस्पताल में लाए गए हैं। इससे पहले मंगलवार को चार बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि 39 पीडि़तों को भर्ती कराया गया था।

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इनकी हुई मौत : मीनापुर नंदन गांव की कंचन कुमारी, माधोपुर कांटी गांव के अलीशाद राजा, चंद्रपुरा मीनापुर के अभिषेक कुमार, मधुबन कांटी की मुस्कान कुमारी, पूर्वी चंपारण गोपालपुर खकिया की नेहा कुमारी ने एसकेएमसीएच में दम तोड़ दिया। 

केजरीवाल अस्पताल में ये भर्ती : कुढऩी की वर्षा कुमारी, चकिया-मोतिहारी की ऋ तु कुमारी, समस्तीपुर-पूसा की सजनी कुमारी, गोरौल-वैशाली का रजनीश कुमार, मोतीपुर का आरव कुमार, दामोदरपुर-कांटी का मो. एहसान, सकरा की अंजलि कुमारी व कांटी की सलोनी कुमारी।

एसकेएमसीएच में ये हैं भर्ती : मोतिहारी की मनीषा खातून, एलिजा खातून, मोतीपुर का जिगर कुमार, अहियापुर का प्रिंस कुमार, पारू की सादिया खातून, सीतामढ़ी-रुन्नीसैदपुर की अंजलि, अहियापुर की गूंजा कुमारी, आदित्य कुमार, सीतामढ़ी-बथनाहा का सत्यम, बेला का चंदन कुमार व शिवानी कुमारी समेत अन्य।

बीमारी ने 2012 में लिया भयावह रूप

वर्ष 2012 में बीमारी ने भयावह रूप लिया। तीन सौ से अधिक बच्चे बीमार पड़े। इनमें 120 की मौत हो गई। एक साथ इतनी मौत ने सरकार को बेचैन कर दिया। अगले दो वर्षों में मौत का सिलसिला कुछ थमा। मगर, संख्या फिर भी डराने वाली रही।

मौत का आंकड़ा

वर्ष -मरीज -मौत

2010-59-24

2011-121-45

2012-336-120

2013-124-39

2014 -342 -86

2015 -75 -11

2016 -30- 04

2017 -09 -04

2018 -35 -11

2019-473-125

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