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AES in Muzaffarpur : एसकेएमसीएच में एईएस से पीडि़त एक और बच्ची भर्ती, जानिए उसकी स्थिति

AES in Muzaffarpur PICU वार्ड में बच्चों को भर्ती कर इलाज की प्रक्रिया शुरू। शिशु रोग विभागाध्यक्ष ने चिकित्सकों की बनाई अलग टीम।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 12:51 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 12:51 PM (IST)
AES in Muzaffarpur : एसकेएमसीएच में एईएस से पीडि़त एक और बच्ची भर्ती, जानिए उसकी स्थिति
AES in Muzaffarpur : एसकेएमसीएच में एईएस से पीडि़त एक और बच्ची भर्ती, जानिए उसकी स्थिति

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच में एईएस से पीडि़त एक और बच्ची भर्ती हुई है। यह औराई कल्याणपुर के नंदू राय की पुत्री चांदनी कुमारी है। इसके साथ ही एईएस पीडि़त बच्चों की संख्या 22 पहुंच गई। मौसम के चलते एईएस पीडि़त बच्चों की संख्या बढऩे लगी है। इससे स्वास्थ्य महकमे की भी बेचैनी बढ़ गई है।

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शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने कहा कि एईएस के लिए चिकित्सकों की अलग से टीम बनाई गई है। अस्पताल अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही ने अब बच्चों को पीकू वार्ड में भर्ती करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को पीकू वार्ड में बच्चों को भर्ती कर इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

नहीं मिली कोई मदद, जैसे-तैसे शव लेकर पहुंचीं घर

कुढऩी प्रखंड के हरपुर बलड़ा में चमकी व तेज बुखार से एक बच्चे की मौत मंगलवार को इलाज के दौरान एसकेएमसीएच में हो गई। उसकी पहचान हरपुर बलड़ा निवासी मिथिलेश सहनी के 21 माह के पुत्र संस्कार कुमार के रूप में हुई है। मृतक की मां ने बताया कि वे लॉकडाउन से पूर्व मायके बोचहां गई थीं। वहीं फंस गईं। पति परदेस में फंसे हैंं। रविवार रात पुत्र को अचानक तेज बुखार व चमकी की शिकायत हुई।

सोमवार को बोचहां स्वास्थ्य केंद्र ले गई, जहां से चिकित्सकों ने एसकेएमसीएच भेज दिया। यहां जांच के बाद बच्चा वार्ड में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शव घर ले जाने के लिए वह घंटों इधर-उधर भटकती रही, लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया। जैसे-तैसे वह शव को लेकर हरपुर बलड़ा स्थित घर पहुंचीं और उसका अंतिम संस्कार हुआ। उसे कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है। मुखिया प्रतिनिधि सह जदयू नेता चंदन कुमार भास्कर ने सरकार से मृतक के स्वजनों को सहायता दिलाने की मांग की।

अस्पताल अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही ने बताया कि उनको चमकी बुखार से मरने वाले बच्चे की जानकारी नहीं है। एईएस से भी कोई बच्चा नहीं मरा है। स्वजन की ओर से शव ले जाने के लिए कोई संपर्क नहीं किया गया। सभी आरोप बेबुुनियाद हैं। अस्पताल में आने वाले हर बच्चे का सही तरीके से इलाज हो रहा है।  


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