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West Champaran : पूरी संजीदगी सेे एससी-एसटी व महिला उत्पीडऩ के मामलों का करें निष्पादन : एडीजीपी

41 सीआरपीसी के नवीन संशोधन से अपडेट में हुए चंपारण क्षेत्र के पुलिस पदाधिकारी कार्यशाला के माध्यम कमजोर वर्गो के सहायतार्थ बनाए गए कानूनों की दी गयी जानकारी कमजोर वर्गो के उत्थान एवं सहायता के लिए वर्ष 2010 में लाया गया था संसोधन कानून।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 08:31 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:31 PM (IST)
West Champaran : पूरी संजीदगी सेे एससी-एसटी व महिला उत्पीडऩ के मामलों का करें निष्पादन : एडीजीपी
समाहरणालय में बैठक करते अपर पुलिस महानिदेशक अनिल किशोर यादव। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। अपर पुलिस महानिदेशक (कमजोर वर्ग) अनिल किशोर यादव ने शनिवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में एक कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला में चंपारण क्षेत्र के बेतिया, मोतिहारी एवं बगहा एसपी क्रमश: उपेंद्र नाथ वर्मा, नवीन चंद्र झा, किरण गोरख यादव के अलावा विभिन्न अनुमंडलों के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस निरीक्षक, अपराध शाखा में कार्यरत रीडर भी मौजूद रहे। इसके अलावा वेबकास्टिंग के माध्यम से बेतिया एवं बगहा पुलिस जिला के थानाध्यक्ष भी जुड़े।

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कार्यशाला में अपर पुलिस महानिदेशक श्री यादव ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 31 सीआरपीसी की चर्चा करते हुए बताया कि इस अनुच्छेद में प्रावधान है कि राज्य समाज के कमजोर वर्गो में शैक्षणिक और आर्थिक हितों विशेषत: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला वर्ग पर विशेष ध्यान रखेगा। साथ ही उन्हें सामाजिक अन्याय एवं सभी प्रकार के शोषण से संरक्षित रखेगा। संविधान के अनुच्छेद के बावत पुलिस पदाधिकारियों को अपडेट किया और कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के प्रति अजा, अजजा, महिला के प्रति संवेदना रखनी होगी। उन्होंने हाल ही में पुलिस महानिदेशक के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि बीते 28 मई को जारी किए गए पत्र में उल्लेखित बातों का अनुपालन सुनिश्चित करें। कमजोर वर्गो के उत्थान एवं सहायता के लिए वर्ष 2010 में लाए गए संसोधन कानून की भी जानकारी दी।

सीआरपीसी की धारा 41 में किए गए प्रावधानों के अनुरुप पुलिस पदाधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाना होगा। इसके लिए जो प्रावधान निहित किए गए हैं, उसका अनुपालन भी कराएं। कार्यशाला में धारा 41 के तहत कब कार्रवाई करनी है, कब गिरफ्तारी करनी है साथ ही अभियुक्त को नोटिस देकर कब थाना पर बुलाना है। उसे संदेह के आधार पर जमानत पर भी इस धारा में प्रावधान है कि गिरफ्तारी से मुक्त रखा जा सकता है। इन सभी ङ्क्षवदुओं पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। करीब 6 घंटे तक चली कार्यशाला में अधिकारियों को कई ङ्क्षवदुओं पर जानकारी दी गई। उन्होंने सात वर्ष या उससे कम सजा के प्रावधान वाले अपराध करनेवालों को पुलिस अब सीधे गिरफ्तार कर सकेगी या नही किस परिस्थिति में गिरफ्तार कर सकती है। इसपर विस्तृत जानकारी दी।


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