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दरभंगा ज‍िले में कई पंचायत शिक्षकों का नियोजन होगा रद, फर्जीवाड़ा उजागर

Darbhanga news दरभंगा के किरततपुर के सवा दर्जन पंचायत शिक्षकों का नियोजन होगा रद। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जांच के बाद पंचायत सचिव से मांगा जवाब। यहां फर्जीवाड़े को लेकर काफी द‍िनों से चल रही थी जांच पड़ताल।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 08:46 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 08:46 PM (IST)
दरभंगा ज‍िले में कई पंचायत शिक्षकों का नियोजन होगा रद, फर्जीवाड़ा उजागर
दरभंगा ज‍िले में फर्जी श‍िक्षकों पर होगी कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा, जासं। किरतपुर प्रखंड के किरतपुर पंचायत में वर्ष 2010 में मुखिया के फर्जी हस्ताक्षर से नियुक्त किए गए सवा दर्जन शिक्षकों के नियोजन रद होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी विभा कुमारी ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में अपने जांच प्रतिवेदन में इन सभी शिक्षकों के नियोजन को अवैध पाते हुए पंचायत सचिव एवं संबंधित लोगों से जवाब तलब किया है। इतना ही नहीं उन्होंने इन शिक्षकों को किए गए भुगतान को सरकारी राजस्व को चूना लगाने की प्रक्रिया बताया है।

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पंचायत के तत्कालीन मुखिया ज्योतिष प्रसाद यादव ने पटना उच्च न्यायालय में उनके फर्जी हस्ताक्षर से किए गए शिक्षक नियोजन के विरुद्ध 9518,/ 20 दायर किया था। वाद का निर्णय करते हुए न्यायालय ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पूरे नियोजन की जांच का आदेश दिया था। तत्कालीन मुखिया ने आरोप लगाया था कि पंचायत शिक्षक नियोजन समिति की बैठक की कार्यवाही पर उनका फर्जी हस्ताक्षर किया गया है। उनके समय में कोई बहाली ही नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया था कि अशोक यादव. मो. नईम उद्दीन, शबाना अंजुम, अकील अहमद, मो. सलाउद्दीन, कृष्ण कुमार यादव, रघु भूषण प्रसाद, रेखा देवी, संजय कुमार निराला, जवाहर यादव, अशोक कुमार यादव, सतीश कुमार, रेखा कुमारी, मंजू कुमारी आदि के नियोजन पंजी पर उनका फर्जी हस्ताक्षर कर दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपनी जांच में पाया कि सचमुच नियोजन पंजी पर उनके पहले के हस्ताक्षर में अंतर पाया गया।

2006 में किरतपुर प्रखंड को 19 पद मिले थे

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि 2006 में किरतपुर प्रखंड को 19 पद मिले थे। इसमें 18 पदों पर नियोजन हो गया था। वर्ष 2010 के नियोजन में जिला से उक्त पंचायत को कोई रिक्ति ही नहीं भेजी गई तो फिर किस आधार पर यह नियोजन किया गया। सरकार का आदेश है कि निर्धारित तिथि के बाद दिया गया नियोजन पत्र अवैध है। यह सभी शिक्षक नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बघरस में पदस्थापित हैं। प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पहले ही प्रधानाध्यापिका का वेतन रोक रखा है। केवल रघु भूषण प्रसाद नवसृजित प्राथमिक विद्यालय रामपुर में पदस्थापित हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपना जांच प्रतिवेदन सभी उच्च अधिकारियों के साथ साथ न्यायालय को भी समर्पित कर दिया है।


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