मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड में शुरू हुई कार्रवाई, सिविल सर्जन कार्यालय में उच्च स्तरीय बैठक
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में जांच को जांच टीम पहुंची रहीं है। वहां आउटडोर में ताला लटका मिल रहा। वहां इलाज के लिए एक-दो मरीज जरूर आए थे जो बिना चिकित्सकीय परामर्श के बाहर निकलते रहे। उन्हें देखने वाला कोई नहीं था।
मुजफ्फरपुर, जासं। बिहार के मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में मोतियाबिंद आपरेशन के बाद आंख में संक्रमण की शिकायत पर अब तक 15 लोगों की आंख निकाली जा चुकी है। इस बड़ी लापरवाही पर कार्रवाई के लिए अब प्रशासन एक्शन में है। गुरुवार को सिविल सर्जन डॉक्टर विनय कुमार शर्मा के नेतृत्व में उच्च स्तरीय बैठक हुई। नगर डीएसपी राम नरेश पासवान, एसडीओ पूर्वी, जांच अधिकारी एसीएमओ डॉ एस पी सिंह सहित आधा दर्जन अधिकारी मौजूद थे। स्वास्थ्य विभाग प्रशासन की ओर से मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल पर ब्रह्मपुरा थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया है। पूरी टीम इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
अस्पताल के सारे कर्मचारी
मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में राज्य स्तरीय टीम के पहुंचने के साथ ही सारे कर्मचारी ताला बंद कर भाग निकले। अंधापन निवारण के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ हरीश चंद्र ओझा परिसर में वहां के गार्ड से संपर्क कर केयरटेकर दीपक कुमार को बुलाया। फिर निरीक्षण का दौर शुरू हुआ। आउटडोर और सारे कक्ष में ताला लगने के कारण मरीज वापस हो गए। अस्पताल मेें पूरी तरह सन्नाटा पसरा है।
आपरेशन थियेटर में जाने के नाम पर सहमे मरीज
मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में इलाज को पहुंचे मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल के मरीजों को जैसे ही ओटी में चलने के लिए कहा गया सभी सहम गए। पाना देवी बोलीं कि दोबारा आंख निकाले के पडतै का हो...। सबको समझाया गया कि अगर आंख नहीं निकाली गई तो जान को खतरा है। उसके बाद सभी मरीज तैयार होकर ओटी में पहुंचे।
आंख में दवा डालकर इंतजार करते वापस हो गए घर
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में आपरेशन के नाम पर नकद राशि जमा कर पर्ची कटाने वाले 30 रोगियों को अस्पताल प्रबंधन एसकेएमसीएच नहीं पहुंचा पाया। मरीज कह रहे थे कि रातभर रखिए सुबह में जाएंगे, लेकिन मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद सभी मरीज अपने-अपने घर चले गए। शिवपुरी के अरुण महराज ने बताया कि उनकी आंख में हल्का दर्द है। वह घर पर आ गए हैं। एसकेएमसीएच या निजी अस्पताल में दिखाएंगे, जबकि आंख बनाने के नाम पर 3500 रुपये दिए थे। राशि भी लौटाई गई है।
एक कमरे में आपरेशन के नाम पर रखे थे मरीज
मालूम हो कि मंगलवार को सुबह नौ बजे आंख में दवा डालकर रखा गया था। शाम में जब चार बजे तक आपरेशन नहीं हुआ तो सभी हंगामा करने के बाद सीएस कार्यालय आकर शिकायत की। उसके बाद सीएस ने अस्पताल प्रबंधन को तत्काल अपनी देखरेख में एसकेएमसीएच में भेजने का निर्देश दिया। सीएस ने एसकेएमसीएच के अधीक्षक डा.बीएस झा से भी बातचीत कर उनसे मरीजों के जांच कर आपरेशन कराने की पहल की। इसके बाद भी शाम मेें अस्पताल प्रबंधन की ओर से मरीज को रखने का नहीं पहुंचाने का इंतजाम किया गया। सीएस डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि एसकेएमसीएच मेें मरीज नहीं पहुंचे। इस संबंध में भी अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा जाएगा।