परीक्षा परिणाम में फर्जीवाड़ा के आरोपित अमित की जमानत अर्जी खारिज Muzaffarpur News
सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज की जमानत की अर्जी। वर्ष 2016 के टीडीसी पार्ट टू की परीक्षा परिणाम में फर्जीवाड़ा का आरोप। एक जुलाई से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है अमित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विवि के परीक्षा परिणाम में फर्जीवाड़ा के आरोपित अमित पाण्डेय की जमानत अर्जी सीजेएम एसके तिवारी ने खारिज कर दी है। उस पर वर्ष 2016 के टीडीसी पार्ट टू की परीक्षा परिणाम में फर्जीवाड़ा का आरोप है। वह इस मामले में एक जुलाई से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। उसकी ओर से दाखिल जमानत की अर्जी की सुनवाई के दौरान अभियोजन पदाधिकारी ज्ञानचंद्र भारद्वाज ने जमकर विरोध किया।
थानाध्यक्ष से जबाव-तलब
अमित को विवि थाना पुलिस ने 29 जून को गिरफ्तार किया। उसे एक जुलाई को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। गिरफ्तारी के 24 घंटा के बाद पेश करने पर सीजेएम कोर्ट ने विवि थानाध्यक्ष से जबाव तलब किया है।
दाखिल की अग्रिम जमानत की अर्जी
इस मामले के चार आरोपित प्रोफेसरों ने जिला जज शैलेंद्र कुमार सिंह के कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर रखी है। इसमें हाजीपुर के भगवानपुर स्थित लक्ष्मी नारायण कॉलेज के सहायक प्रोफेसर रणवीर रंजन, मोतिहारी केपीयूपी कॉलेज के सहायक प्रोफेसर अरुण कुमार, धीरनपट्टी स्थित श्यामनंदन सहाय कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. संत ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह और अक्षयवट कॉलेज महुआ हाजीपुर के सहायक प्राध्यापक राजकिशोर ठाकुर शामिल हैं। अर्जी पर सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की गई है।
रजिस्ट्रार ने दर्ज कराया था केस
अंतरिम कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर विवि रजिस्टार कर्नल अजय कुमार राय ने बीते 16 दिसंबर 2018 को विवि थाना में केस दर्ज कराया था। इसमें उक्त चारों के अलावा हाजीपुर स्थित निरसू नारायण कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. धर्मेंद्र चौधरी, अंग्रेजी विभाग में पदस्थापित सहायक रंजन कुमार और पूर्व से हटाए जा चुके कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार को नामजद आरोपित बनाया था।