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दरभंगा में आज भी है एक ऐसा गांव जहां के नौनीहाल तैरकर जाते स्कूल

प्राथमिक विद्यालय, रजवा ग्यारी मुख्य सड़क से जुड़ा हुआ नहीं है। इसके कारण थोड़ी सी बारिश में गांव के बचे खेत में लगे पानी से होकर शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं।

By Edited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 02:52 PM (IST)
दरभंगा में आज भी है एक ऐसा गांव जहां के नौनीहाल तैरकर जाते स्कूल
दरभंगा में आज भी है एक ऐसा गांव जहां के नौनीहाल तैरकर जाते स्कूल
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। सरकार एक ओर गांव को सुविधाओं से परिपूर्ण करने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर ऐसे गांव भी हैं जहां यातायात के साधन तक नहीं हैं। मुजफ्फरपुर के पास दरभंगा जिले के बिरौल प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय, रजवा ग्यारी मुख्य सड़क से जुड़ा हुआ नहीं है। इसके कारण थोड़ी सी बारिश में गांव के बच्चे खेत में लगे पानी से गुजर कर शिक्षा ग्रहण करने जाने को मजबूर हैं।  
जल स्तर में बढोतरी से परेशानी
दरभंगा जिले के बिरौल प्रखंड से दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित रजवा ग्यारी गांव का फरीदा बस्ती कमला नदी के तट पर अवस्थित है। नदी के दूसरे छोर पर विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र है। बच्चे तैरकर जाते विद्यालय हल्की भी वर्षा होने पर नदी पानी से उफन जाती है। साथ ही अगल-बगल के खेत में पानी भर जाता है। कई बच्चे जिसको तैरने आता है वह तो तैरकर विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र पर शिक्षा ग्रहण करने चले जाते हैं।
जनप्रतिनिधियों का भी नहीं ध्यान
इधर बिरौल विकास युवा मोर्चा ने इस क्षेत्र का दौरा कर एसडीओ के पास समस्या रखने की बात कहीं। मालूम हो कि इसी गांव से भाजपा के एमएलसी सुनील सिंह आते हैं। वहीं स्थानीय विधायक सरकार में मंत्री हैं। जिला परिषद उपाध्यक्ष इसी पंचायत से आती हैं। चुनाव के समय सिर्फ किया जाता याद ग्रामीण सौरभ कुंवर उर्फ रिक्की ने कहा कि इस बस्ती को सिर्फ चुनाव के समय याद किया जाता है।
इलाज कराने में भी होती परेशानी
राजेश रंजन सिंह ने कहा कि यहां के आलाधिकारी का भी दोष है। दीपक झा ने कहा कि जिस तरह का माहौल है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन अगर ध्यान नहीं दे तो कभी घटना घट सकती है। इधर, संदीप कुमार ने कहा कि हम सभी ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी को मेल के माध्यम से दी है। स्थानीय लोगों को इलाज के लिए पानी होकर सुपौल पीएचसी जाना पड़ता है। मुखिया पचकौरी साफी ने कहा कि हम अपने स्तर से कई बार आवेदन अंचल अधिकारी को दे चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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