वीटीआर के जंगल में फिर बाघ के एक शावक की मौत, जताई जा रही ऐसी आशंका
पश्चिम चंपारण के वीटीआर में आखिर क्यों हुई बाघ के शावक की मौत इसको लेकर यह संभावना जताई जा रही कि भोजन के अभाव में मौत हो गई होगी। हालांकि की वीटीआर प्रशासन के लिए यह चिंता का विषय है।
पश्चिम चंपारण, जासं। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा के जंगल में बाघ के एक शावक की मौत हो गई है। मंगुराहा के मानपुर वन क्षेत्र में मानसरोबर में शावक का शव मिलने की सूचना पर वन विभाग में हड़कंप मचा है। वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। बताया जाता है कि गश्ती के दौरान वन कर्मियों ने शावक के शव को शुक्रवार की सुबह में देखा था। मृतक शावक की अवस्था एक वर्ष के आसपास बताई जा रही है ।
संभावना व्यक्त की जा रही है कि मानसरोबर में हीं बीते दिनों एक बाघिन का शव बरामद किया गया था । उसी इलाके में दो- तीन शवकों की गतिविधि कैमरे में दिखी थी । उसमें का शावक है । संभवत: मां की मौत के बाद भोजन के अभाव में शावक की मौत हो गई है। वीटीआर के क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि शावक की मौत की सूचना मिली है। मौके पर पहुंच रहे हैं।
पांच जनवरी को वाल्मीकिनगर जंगल में मिला था बाघ के शावक का शव
बीते पांच जनवरी की शाम वीटीआर के वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर वनक्षेत्र के कक्ष संख्या टी वन हाथी शाला के पास कालेश्वर जंगल में मिला था । शावक आठ माह का था । बाघों के संघर्ष में शावक की मौत की संभावना अधिकारियों ने व्यक्त की थी।
31 दिसंबर को तेंदुए की हुई थी मौत
बता दें कि 31 दिसंबर को वीटीआर के वन प्रमंडल दो के गोबर्द्धना जंगल के समीप सोनबरसा गांव के पास एक गन्ने के खेत में डेरा डाले एक अवयस्क तेंदुए की मौत हो गई थी । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शामिल चिकित्सकों की टीम ने दावा किया था कि आंत में इंफेक्शन की वजह से तेंदुए की मौत हुई थी । एक माह के अंदर एक तेंदुए और दो शावकों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा है ।