चीन से लौटा पूर्वी चंपारण का एक छात्र हरियाणा के एक कैंप में विशेष निगरानी में रखा गया, जानिए उसकी वर्तमान स्थिति
पूर्वी चंपारण के तीन लोगों की पटना एयरपोर्ट पर हुई स्क्रीनिंग। चीन से लौटा जिले का एक छात्र हरियाणा के आटीबीपी कैंप में।
मोतिहारी, जेएनएन। नेपाल का सीमावर्ती जिला होने के कारण पूर्वी चंपारण में स्वास्थ्य विभाग कोरोना को लेकर काफी सतर्क है। भारत-नेपाल सीमा पर जहां चीन से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिए मेडिकल टीम को तैनात किया गया है, वहीं सीमावर्ती पंचायतों में ग्रामसभा के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
कोरोना को लेकर अलर्ट
जिलाधिकारी रमण कुमार ने जागरूकता के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि जिले में कोरोना को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को सतर्कता को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि निर्देश के बाद भी केसरिया स्तूप परिसर में मेडिकल टीम की अब तक तैनाती नहीं होने पर सीएस ने कहा कि वे इसकी जानकारी ले रहे हैं।
शीघ्र ही यह व्यवस्था कायम कर दी जाएगी। यहां बता दें कि केसरिया बौद्ध स्तूप के दर्शनार्थ चीन सहित विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ऐसे में यहां पर मेडिकल कैंप की आवश्कता महसूस की गई है।
चीन से आने वालों पर है नजर
चीन से आने वालों को लेकर स्वास्थ्य विभाग चौकन्नी है। आठ दिन पहले चीन के हुबई से लौटे मेडिकल के छात्र आबिद हुसैन अंसारी जो इसी जिले के आदापुर प्रखंड अंतर्गत मझरिया गांव वार्ड संख्या-7 का निवासी है, को हरियाणा के आइटीबीपी कैंप में रखा गया है। हालांकि उस छात्र में कोरोना निगेटिव पाया गया है, बावजूद इसके उसे 14 दिन की निगरानी में रखा गया है।
पटना एयरपोर्ट पर सघन जांच
इधर, चीन, थाईलैंड व सिंगापुर से आए पांच व्यक्तियों की गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर सघन जांच की गई। इनमें से तीन व्यक्ति एक ही परिवार से हैं और वे पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं। शुरुआती जांच में उनमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। इस आधार पर उन्हें घर जाने की इजाजत दे दी गई है, लेकिन वे 14 दिनों तक स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रहेंगे।
इसके लिए सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीएस डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि इसकी जानकारी मिली है। उनके नाम व पते की मांग की गई है, ताकि 14 दिनों तक आवश्यक निगरानी की जा सके।