Move to Jagran APP

मुजफ्फरपुर : आपराधिक गिरोह आजाद हिंद फौज के शागिर्दों की तलाश में छापेमारी, एक संदिग्ध दबोचे गए

Muzaffarpur Crime News विशेष पुलिस टीम के हत्थे चढ़े तीन शातिर अपराधियों के पूछताछ में गिरोह में शामिल कई की पहचान की गई है। दो देसी पिस्टल एक कट्टा पांच गोली तीन मोबाइल सेटबाइक व गांजा के साथ तीन शातिरों को भेजा गया था जेल पूछताछ पर चल रही कार्रवाई।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 09:59 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 09:59 AM (IST)
मुजफ्फरपुर : आपराधिक गिरोह आजाद हिंद फौज के शागिर्दों की तलाश में छापेमारी, एक संदिग्ध दबोचे गए
मुजफ्फरपुर में आपराधिक गिरोह आजाद हिंद फौज के शागिर्दों की तलाश में छापेमारी।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। विशेष पुलिस टीम के हत्थे चढ़े तीन शातिर अपराधियों के पूछताछ में गिरोह में शामिल कई की पहचान की गई है। जिसकी तलाश में मंगलवार की रात कई जगहों पर छापेमारी की गई। इस दौरान एक संदिग्ध को पकड़ा गया है। उससे पूछताछ कर सत्यापन की कार्रवाई चल रही है। बता दे कि दो दिन पूर्व मेडिकल के समीप से तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी के तार आपराधिक गिरोह आजाद हिंद फौज से जुड़े हैं। गिरफ्तार अपराधियों में गिरोह का शार्प शूटर धनंजय समेत अन्य शामिल थे।  एसएसपी जयंत कांत ने कहा कि कई जिलों में इस गिरोह का तार जुड़ा है। इन सभी के पास से दो देसी पिस्टल, एक कट्टा, पांच गोली, तीन मोबाइल सेट, बाइक व गांजा बरामद किया गया था।

loksabha election banner

 कहा कि बड़ी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी थी। लेकिन इसके पूर्व ही सभी को दबोच लिया गया। बताते चले कि गिरफ्तार अपराधियों में सिवाईपटटी हरसेर के प्रिंस कुमार उर्फ आयुष, सिवाईपटटी टेंगरारी के प्रिंस कुमार व हरसेर के धनंजय कुमार शामिल हैं, जिसे जेल भेजा जा चुका है। कहा जा रहा कि धनंजय का कई राजनीतिज्ञों से भी संपर्क है। इनके पास से मिले मोबाइल का कॉल डिटेल्स निकालकर टीम आगे की कार्रवाई कर रही है। छापेमारी का नेतृत्व अहियापुर थानाध्यक्ष सुनील कुमार रजक कर रहे हैं। इनके साथ अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं।

 पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के द्वारा सीतामढ़ी, शिवहर समेत अन्य जिलों में वारदात को अंजाम दिया जा रहा था। जल्द ही इन सभी पर चार्जशीट दायर कर स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाने की कवायद की जायगी। साथ ही इन सभी पर दर्ज मामलों को भी खंगाला जा रहा है, ताकि उन केसों में भी इन सभी को रिमांड किया जा सके। जांच में पता चला कि जेल में बंद कई अपराधियों से भी इन सभी की बात होती थी। इसके लिए मोबाइल रिकॉर्ड को अवलोकन किया जा रहा है, ताकि नकेल कसने की कवायद की जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.