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समस्‍तीपुर में मुजफ्फरपुर का एक शख्‍स पहले मेमू के सामने कूदा, फिर पवन एक्सप्रेस के सामने दी जान

Samastipur news पहली बार मेमू के लोको पायलट ने ट्रेन में ब्रेक लगाकर बचाई थी जान। ट्रैक पर शव रहने के कारण 20 मिनट देर से चली साबरमती एक्सप्रेस। मुजफ्फरपुर जिले का निवासी था दिव्यांग हीरा महतो।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 10:36 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 10:36 PM (IST)
समस्‍तीपुर में मुजफ्फरपुर का एक शख्‍स पहले मेमू के सामने कूदा, फिर पवन एक्सप्रेस के सामने दी जान
पहली बार आत्महत्या का प्रयास करने वाले दिव्यांग को समझाते आरपीएफ बल सदस्य। फोटो-जागरण

समस्तीपुर, जासं। समस्तीपुर जंक्शन पर रविवार को एक दिव्यांग ने पहले प्लेटफॉर्म संख्या एक पर मेमू ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। लेकिन, लोको पायलट ने तत्परता दिखाते हुए ब्रेक लगाकर उसकी जान बचा ली। जंक्शन पर ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ अधिकारियों व बल सदस्यों ने भी तुरंत रेल ट्रैक से उठाकर प्लेटफॉर्म पर लाया। इसके बाद काफी देर तक समझा बुझाकर परिसर से बाहर किया। लेकिन दिव्यांग ने फिर से स्टेशन परिसर में प्रवेश कर गया। इसके बाद प्लेटफॉर्म संख्या पांच पर पवन एक्सप्रेस के सामने कूदकर अपनी जान दे दी।

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हालांकि, उस समय किसी की नजर उस पर नहीं पड़ी। बाद में उक्त प्लेटफॉर्म से ही साबरमती एक्सप्रेस संध्या 5.20 बजे परिचालित हुई। ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रैक पर शव देखते ही ट्रेन रोक दी। सूचना मिलते ही स्टेशन प्रबंधक तत्काल मौके पर पहुंचे। इसके बाद शव को ट्रैक से हटाया। इस अवधि में ट्रेन का परिचालन 20 मिनट विलंब से हुआ। स्टेशन प्रबंधक की ओर से आरपीएफ व जीआरपी को भी सूचना दी गई। इसके बाद जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

पहली बार में जान बचाने पर गलती मानकर अदा किया था शुक्रिया 

मुजफ्फरपुर जिला निवासी दिव्यांग हीरा महतो रविवार को पहली बार जब प्लेटफॉर्म संख्या एक पर सहरसा से समस्तीपुर पहुंची मेमू ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के दौरान पार्सल घर के सामने दिव्यांग पटरी पर कूद गया। हालांकि, लोको पायलट ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल ब्रेक लगा दी। इसके बाद आरपीएफ पोस्ट के समीप ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर निरंजन कुमार सिन्हा, कांस्टेबल ङ्क्षपटू कुमार सहित अन्य तत्काल पटरी पर उतरकर दिव्यांग को उठाकर ऊपर किया। इसके बाद काफी देर तक उसे समझाया। उसने अपनी समस्या को लेकर गलती मानते हुए सभी का शुक्रिया अदा करते हुए परिसर से बाहर चला गया।


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