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लगी रोक: पिछला चुनाव लड़े सौ उम्मीदवार नहीं लड़ सकेंगे लोस चुनाव

चुनाव खर्च का हिसाब नहीं देने पर निर्वाचन आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत की कार्रवाई, अगले एक से तीन वर्षों तक चुनाव लडऩे पर रोक लगा दी है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 11:18 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 11:18 AM (IST)
लगी रोक: पिछला चुनाव लड़े सौ उम्मीदवार नहीं लड़ सकेंगे लोस चुनाव
लगी रोक: पिछला चुनाव लड़े सौ उम्मीदवार नहीं लड़ सकेंगे लोस चुनाव

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राज्य में पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाने वाले लगभग सौ प्रत्याशी अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। निर्वाचन आयोग ने इन प्रत्याशियों को अगले एक से तीन वर्षों तक चुनाव लडऩे पर रोक लगा दी है। तय अवधि तक ये किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे। आयोग ने यह कार्रवाई पिछले चुनावों में हुए खर्च का ब्योरा नहीं देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10ए के तहत की है। आयोग ने सभी लोकसभा व विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारियों को इन उम्मीदवारों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है।

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   ताकि, अगले लोकसभा चुनाव व तय अवधि तक सूची में शामिल व्यक्ति नामांकन दाखिल नहीं कर सके। चुनाव आयोग जिन पर कार्रवाई की है, उसमें विभिन्न लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाले 12 उम्मीदवार शामिल हैं। वहीं 88 व्यक्तियों ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था। हालांकि, इनमें मधुबनी व झंझारपुर लोकसभा से पिछला चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों पर लगी रोक की अवधि अगले लोकसभा चुनाव तक समाप्त होने की संभावना है। ऐसे में वे यह चुनाव लड़ पाएंगे।

इन उम्मीदवारों पर इस अवधि तक चुनाव लडऩे से रोक

लोक सभावार सूची

पश्चिमी चंपारण : मोहन कुमार व सैयद शमीम अख्तर। नालंदा : धीरेंद्र कुमार व लल्लू राम। जहानाबाद : राहुल रंजन (सभी सात जुलाई 2019 तक)।

मुजफ्फरपुर : मधुर शील (10 अगस्त 2019 तक)।

मधुबनी : विजय कुमार। झंझारपुर : विघ्नेश भगत, बिपिन कुमार झा, जनक राय व पवन कुमार (सभी 22 जनवरी 2019 तक)।

आरा : गोपाल सिंह (20 जुलाई 2020 तक)।

पिछला विधानसभा चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी

राजनगर : भोगेंद्र प्रसाद पासवान (छह अप्रैल 2019 तक)।

सिकटा : लाल गुराद मियां। बाबूबरही : मीना देवी। बिस्फी : परवेज हसन, अल्पना कुमारी व गुलाब कुमार साह। दरौंदा : दीपक कुमार मिश्रा। गोरियाकोठी : उमाशंकर तिवारी (सभी सात दिसंबर 2019 तक)।

रीगा : गोनौर दास व मो. अब्बास शेख सुरसंड : मुकेश कुमार सिंह। बाजपट्टी : अवधेश कुमार, एश नारायण झा व रेखा देवी। सीतामढ़ी : इरशाद अहमद। अमनौर : धन्ना देवी व प्रिय रंजन सिंह। परसा : अजित कुमार व चंदन कुमार सिंह। सोनपुर : अमोद कुमार सिंह। बछवाड़ा : नरेश पासवान। गोपालपुर : मो. एहसान व सुनील कुमार। पीरपैंती : हीरालाल पासवान व शिवनारायण पासवान। कहलगांव : विनोद पांडेय। दीघा : प्रमोद कुमार सिंह। बिक्रम : सुरेंद्र यादव व संतोष कुमार। चैनपुर : परमेश्वर सिंह। करगहर : पंकज कुमार सिंह। (सभी आठ अगस्त 2020 तक)।

बेलसंड : खुशानंदन राय, मो. नूर आलम, संजय सिंह व अखिलेश कुमार सिंह। रुपौली : मनोज कुमार राय व कुमार मनोरंजन। एकमा : रंजीत सिंह। तरैया : हेमंत कुमार सिंह व गोपाल कृष्ण वर्मा। कुम्हरार : नितिन प्रकाश, बलराम राय व शत्रुघ्न प्रसाद। मनेर : पवन कुमार। फुलवारी : विधान चंद्र राणा। (सभी 11 सितंबर 2020 तक)।

हरलाखी : भगीरथ झा। नरकटियागंज : प्रेम नारायण ओझा। बेनीपट्टी : दिग्विजय नारायण यादव, गणेश मिश्रा व योगेश कुमार शुक्ला। खजौली : अमित कुमार महतो, प्रभाकर झा, ब्रजेश राउत व सोनू कुमार झा। मसौढ़ी : इंद्रजीत कुमार। बड़हरा : अजय राय व दया शंकर सिंह। बक्सर : गोविंद सिंह। भभुआ : मनोज कुमार गुप्ता। (सभी 15 मई 2020 तक)।

मुंगेर : सैयद मो. जावेद। बांकीपुर : श्याम बिहार प्रसाद। पालीगंज : मेजनारायण दास। तरारी : रविश तिवारी। जगदीशपुर : प्रमोद यादव, हुसैन इमाम व धनंजय सिंह। शाहपुर : लाल बहादुर महतो व सचिन कुमार गुप्ता। (सभी 18 जुलाई 2020 तक)।

अलीनगर : अनंत कुमार। केवटी : विजय कुमार। खगडिय़ा : बबीता देवी। (सभी 18 जुलाई 2021 तक)।

कुशेश्वर स्थान : तुरंती सदा। बेनीपुर : ताराकांत झा व जितेंद्र पासवान। हायाघाट : मो. अरशद व रामकृष्ण पासवान। पातेपुर : लखींद्र पासवान। परबत्ता : सतीश प्रसाद सिंह। (सभी 17 अगस्त 2021 तक)।

केवटी : अशोक कुमार झा, गायघाट : रघुनंदन प्रसाद सिंह व रानी सिंह। हथुआ : संजय कुमार मौर्य व फारुख खान। कुम्हरार : सुबोध कुमार। कुटुंबा : रंजीत कुमार। औरंगाबाद : संजीत कुमार चौरसिया व यशवंत लाल सत्यार्थी। (सभी 19 सितंबर 2021 तक)। 

यह है लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10ए

किसी भी चुनाव में प्रत्याशी को निर्वाचन व्यय में सही तथा त्रुटिरहित चुनावी खाता निर्दिष्ट ढंग से बनाकर निर्धारित समय पर जमा करना होता है। इसका पालन नहीं करने पर प्रत्याशी को धारा 10ए लोक-प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत तीन साल के लिए विभिन्न आधार पर अयोग्य घोषित किया जा सकता है। इसमें समय पर तथा निर्धारित तरीके से व्यय-लेखा जमा नहीं करना भी शामिल है। आयोग चुनाव में व्यय-लेखा की वास्तविकता की जांच कर सकता है।


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