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आरोपितों की कोर्ट में पेशी नहीं होने से एससी/एसटी एक्ट के 728 मामले की नहीं हो रही सुनवाई

जिले में एससी/एसटी मामले की सुनवाई में आ रही अड़चनों को लेकर गहरी आपत्ति जताई गई है, सजा की संख्या कम होने पर खेद व्यक्त किया गया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 10:49 AM (IST)
आरोपितों की कोर्ट में पेशी नहीं होने से एससी/एसटी एक्ट के 728 मामले की नहीं हो रही सुनवाई
आरोपितों की कोर्ट में पेशी नहीं होने से एससी/एसटी एक्ट के 728 मामले की नहीं हो रही सुनवाई

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार निवारण कानून (एससी/ एसटी एक्ट) के तहत दर्ज 728 मामले की सुनवाई विशेष कोर्ट में रुकी हुई है। यह सुनवाई इसलिए रुकी हुई है कि ऐसे मामले में आरोपितों को पुलिस कोर्ट में पेश नहीं रही है। राज्य के निदेशक अभियोजन मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित विशेष लोक अभियोजकों की समीक्षा बैठक में जिले में एससी एसटी मामले की सुनवाई में आ रही अड़चनों को लेकर गहरी आपत्ति जताई गई है।

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    उन्होंने सजा की संख्या कम होने पर खेद व्यक्त किया। राज्य स्तर पर यह संख्या महज छह फीसद है। जबकि अन्य मामले में सजा की संख्या 12 फीसद है। सजा की संख्या बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण अभियोजन संचालन करने, मामले के त्वरित निष्पादन करने, रिहाई के विरुद्ध उपरी अदालत में अपील करने व संवेदनशील मामले पर विशेष ध्यान देने का निर्देश विशेष लोक अभियोजकों को दिया। 

मुजफ्फरपुर में एससी /एसटी एक्ट के लंबित मामले की कोर्ट में यह है स्थिति

मामले- वाद की संख्या

आरोपितों की उपस्थिति के लिए-728

आरोप पत्र गठन के लिए-32

साक्ष्य के लिए- 375

बहस के लिए-20

फैसला के लिए-16

सजा मिली-03

रिहाई-13

30 दिनों के अंदर चार्जशीट, 60 दिनों के अंदर मामले का हो निष्पादन

निदेशक ने विशेष लोक अभियोजकों एससी/एसटी को निर्देश जारी किया है। इसमें मामला दर्ज होने के 30 दिनों के अंदर अनुसंधान पूरा कर आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट पेश कराने व 60 दिनों के अंदर मामले का निष्पादन करने का भी निदेश दिया गया। जिलाधिकारी से मिलकर अभियोजन की समस्या के निराकरण करने के लिए नियमित बैठक आयोजित करने, एसएसपी से मिलकर अनुसंधान कर्ता व चिकित्सक को गवाही के लिए कोर्ट में उपस्थित कराना सुनिश्चित कराने को निदेश शामिल है।

असंतोषजनक काम करने वाले विशेष लोक अभियोजक किए जाएंगे चिह्नित

एससी /एसटी मामले के निष्पादन में असंतोषजनक काम करने वाले विशेष लोक अभियोजकों को चिह्नित किए जाएंगे। उन्हें अपने काम में सुधार लाने की चेतावनी दी गई। मामले की सुनवाई से संबंधित रिपोर्ट ऑनलाइन की जाएगी। इसके लिए सभी विशेष लोक अभियोजकों से नवंबर से ऑनलाइन प्रतिवेदन भेजने व इसकी एक प्रति व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।


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