ऐ खुदा तुम्हारे जितने भी नाम है, उन सब पर नानक कुर्बान... Muzaffarpur News
गुरुद्वारा श्री कीर्तनगढ़ में मनाया गया गुरु नानक देव जी महाराज का 550वां प्रकाशोत्सव। रागी जत्था सरदार रवि सिंह द्वारा गुरु शबद कीर्तन किया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। 'ईश्वर के सब बंदे, न कोई पराया न ही कोई दुश्मन, 'ऐ खुदा तुम्हारे जितने भी नाम है, उन सब पर नानक कुर्बान है'। गुरु नानक देवजी महाराज के 550वें प्रकाशोत्सव पर कलमबाग चौक स्थित गुरुद्वारा श्री कीर्तनगढ़ से यह संदेश दिया गया। इस अवसर पर भजन-कीर्तन से संगत निहाल रहे। सुबह में अखंड पाठ का समापन सरदार करमजीत सिंह ने किया।
रागी जत्था सरदार रवि सिंह द्वारा गुरु शबद कीर्तन किया। गुरु के लंगर में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान सरदार हरि सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी ऐसे फकीर थे जो ङ्क्षहदुओं के भी थे और मुसलमानों के भी थे। इसका प्रमाण ननकाना साहेब पाकिस्तान में है। उनके जन्मस्थान के पास मंदिर भी है और मजार भी।
उन्होंने कहा था कि हम सभी 'एक पिता एकस के हम बारिक' हैं अर्थात ईश्वर सभी का अलग-अलग नहीं है, बल्कि एक ही है जिसकी हम सभी संतानें हैं। उन्होंने 'ओम' शब्द के आगे 'एक' और बाद में 'कार' लगाकर 'एकोंकार' शब्द बनाया। इसका अर्थ है, ईश्वर एक है और वही सृष्टि का कर्ता है। हर एक जीव-जंतु में ईश्वर की शक्ति के कण विद्यमान हैं। उनका मानना था कि न कोई पराया है, न ही कोई दुश्मन। भेदभाव तो मनुष्यों ने पैदा किया है।
अगर यह कहा जाए कि सांप्रदायिकता निरपेक्ष, समानता से युक्त समाज की स्थापना करने का प्रयास किया, तो गलत नहीं होगा। प्रकाशोत्सव पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप कौर, सरदार चरण सिंह, सरदार मंजीत सिंह, सरदार जगजीत सिंह, अरुण कुमार आदि थे।