एमसीआइ के निरीक्षण में 50 फीसद चिकित्सक मिले अनुपस्थित
श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में सोमवार को दिन के 10.40 बजे अचानक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ)की तीन सदस्यीय टीम आ पहुंची। टीम में डॉ. राजेश पाठक डॉ. अनिल कुमार दोदामणि एवं डॉ. वीपी सिंह शामिल थे।
मुजफ्फरपुर। श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में सोमवार को दिन के 10.40 बजे अचानक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ)की तीन सदस्यीय टीम आ पहुंची। टीम में डॉ. राजेश पाठक, डॉ. अनिल कुमार दोदामणि एवं डॉ. वीपी सिंह शामिल थे। टीम के इस तरह पहुंचने से कॉलेज व अस्पताल कर्मियों में अफरा-तफरी मच गई।
सुरक्षा गार्ड ने प्राचार्य कक्ष को खोल टीम के सदस्यों को बैठाया। इसके बाद प्राचार्य, विभागाध्यक्षों व अन्य चिकित्सकों को टीम के आने की सूचना दी गई। सूचना पाकर सभी भागे-भागे पहुंचे। हालांकि सूचना के बावजूद टीम ने 50 फीसद चिकित्सकों को अनुपस्थित ही पाया। इनमें 30 फीसद फैकेल्टी एवं 20 फीसद रेजिडेंट शामिल हैं।
अस्पताल का किया निरीक्षण
टीम के एक सदस्य अस्पताल में पहुंच कर सबसे पहले ईएनटी के ओपीडी से लेकर श्रवण जांच घर और नेत्र विभाग का निरीक्षण किया। इसके बाद अस्पताल के अन्य विभागों का ओपीडी, पैथोलॉजी कक्ष, सेंट्रल लाइब्रेरी को देखा। इस दौरान खामियां पाकर आश्चर्य व्यक्त किया। पाया कि सौ सीटों पर छह वषरें में भी कमियों को दूर नहीं किया जा सका है।
क्या देखने पहुंची थी टीम :
टीम पूर्व में एमसीआइ के पूर्व के निरीक्षण के दौरान 100 सीटों पर जताई गई कमियों के दूर होने की स्थिति देखने पहुंची थी। इनमें फैकल्टी की 22.12 फीसद कमी होना, ओपीडी में परीक्षा कक्ष की कमी (चार में दो होना), श्रवण जांच घर के साउंड लेस होने का अभाव, अस्पताल में लेक्चर थिएटर का नहीं होना, बीएमडब्ल्यू मैनेजमेंट का अभाव के साथ आरएचटीसी (रूलर हेल्थ ट्रिटमेंट सेंटर) पर फार्मासिस्ट की कमी को देखने पहुंची थी।
टीम ने चिकित्सकों का किया भौतिक सत्यापन :
एमसीआइ टीम द्वारा चिकित्सकों के भौतिक सत्यापन के दौरान 52 चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए। इनमें औषधि विभागाध्यक्ष के साथ एफएमटी, पीएसएम, निश्चेतना विभाग, स्त्री व प्रसव विभाग, सर्जरी, ईएनटी, नेत्र, शिशु विभाग समेत अन्य विभागों के कई चिकित्सक शामिल थे। विभिन्न विभागाध्यक्षों ने एक साथ 52 चिकित्सकों के सीएल के आवेदन प्रस्तुत किए।
टीम के समक्ष शैक्षणिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विलंब :
टीम के समक्ष भौतिक सत्यापन के दौरान समय से कई चिकित्सक नहीं पहुंचे। यहीं नही चिकित्सकों द्वारा अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र और जर्नल को भी दर्शाने में विलंब किया गया।
अधिकांश चिकित्सक बगैर एप्रेन पहने पहुंचे :
भौतिक सत्यापन के दौरान अधिकांश चिकित्सक बगैर एप्रेन पहने पहुंचे। इसपर भी टीम ने नाराजगी व्यक्त की।
एसकेएमसी में 100 सीटों पर संकट :
श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय में मेडिकल छात्रों के अध्ययन के लिए 100 सीटों पर संकट उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गई है। इसकी वजह मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही हो सकती है। अक्सर अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई की बात कहते हुए सभी का नियमित उपस्थिति पर हस्ताक्षर के बाद वेतन भुगतान होता रहा है। दिखावा के लिए कॉलेज से अस्पताल तक फेशियल बायोमीट्रिक मशीन लगी है।
पूर्व के निरीक्षण में भी मिले थे गैर हाजिर
मालूम हो कि बीते 16 मई को एमसीआइ के निरीक्षण के दौरान 41 संविदागत एवं 11 नियमित चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी से स्पष्टीकरण पूछा था। कहा था कि जवाब संतोषप्रद नहीं हुआ तो एमसीआइ सीधे कार्रवाई की अनुशसा करेगी। एमसीआइ के वरीय अधिकारियों की टीम ने बिहार सरकार को कहा है कि निरीक्षण के क्रम में ज्यादातर डॉक्टर बिना सूचना व सही कारण बताए अनुपस्थित थे। इसका सीधा असर मरीजों के साथ मेडिकल की पढ़ाई कर रहे एमबीबीएस छात्रों पर होता है। ऐसा लगता है कि इन डॉक्टरों की ड्यूटी को लेकर बिहार सरकार गंभीर नहीं है। एमसीआइ ने सात दिनों में इन डॉक्टरों पर की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा था। प्रधान सचिव ने सभी प्राचार्यो को जानकारी देने को कहा है। दोषी पाए जाने पर संविदा रद करने के साथ नियमित डॉक्टरों पर प्रपत्र क गठित करने के बारे में कहा था।