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सदर अस्पताल में 50 पुरुषों की होनी थी नसबंदी, एक का भी नहीं हुआ Muzaffarpur News

चार फीसद प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रही जिले की आबादी। 180 की जगह मात्र 12 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:46 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 09:46 AM (IST)
सदर अस्पताल में 50 पुरुषों की होनी थी नसबंदी, एक का भी नहीं हुआ Muzaffarpur News
सदर अस्पताल में 50 पुरुषों की होनी थी नसबंदी, एक का भी नहीं हुआ Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बेहिसाब बढ़ रही जनसंख्या रोकने में स्वास्थ्य विभाग विफल साबित हो रहा। सदर अस्पताल में तमाम संसाधन होने के बावजूद तय लक्ष्य 180 की जगह मात्र 12 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ। जबकि, 50 पुरुषों की नसबंदी करनी थी, लेकिन एक भी नहीं हो सकी। इस तरह जिले के सभी पीएचसी का हाल है। आबादी को लेकर नीति आयोग ने अलर्ट भी किया है। जिले में प्रतिवर्ष चार फीसद की दर से आबादी बढ़ रही। इसको दो फीसदी तक लाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके बाद भी पहल नहीं हो रही।

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50 प्रतिशत तक पूरा नहीं हो सका लक्ष्य

जुलाई केतीसरे सप्ताह में जनसंख्या स्थिरता पखवारा में परिवार नियोजन पर 50 फीसद भी काम नहीं हुआ। इस दौरान ऑपरेशनों की संख्या बढ़ाने के लिए पखवारे को 15 दिन के बदले 20 दिनों का कर दिया गया। लक्ष्य से पिछडऩे पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने नाराजगी जताई है। पखवारे में 1380 बंध्याकरण व 210 पुरुषों की नसबंदी करने का लक्ष्य तय किया गया था। पखवारे के तहत 20 दिनों में एक पीएचसी को 75 महिलाओं का बंध्याकरण करने का लक्ष्य था। लेकिन केवल 466 ऑपरेशन हुए। एक पीएचसी को 10 पुरुषों की नसबंदी करनी थी। इसमें केवल मड़वन में चार की नसबंदी हुई। बाकी सभी पीएचसी शून्य रहे।

इस बारे में सिविल सर्जन ने कहा कि सभी पीएचसी प्रभारियों व सदर अस्पताल के उपाधीक्षक व पीएचसी प्रभारी को तलब किया है। जागरूकता व ऑपरेशन करना था, लेकिन लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। सभी मेडिकल अधिकारियों को एक सप्ताह में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

निजी अस्पताल नहीं दे रहे बीमारी की रिपोर्ट

परिवार नियोजन ऑपरेशन के साथ सभी बीमारी की रिपोर्ट निजी अस्पताल व नर्सिंग होम को देनी है। लेकिन, वह नहीं दे रहे। पिछले माह दिल्ली में समीक्षा बैठक में यह कमी सामने आई। समीक्षा के अनुसार आकांक्षी योजना के अंतर्गत केवल सरकारी अस्पतालों से ही स्वास्थ्य से संबंधित रिपोर्ट मिल रही है। प्रसव, परिवार नियोजन, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की रिपोर्ट निजी नर्सिंग होम, अस्पतालों से आनी चाहिए। अच्छी संख्या में निजी अस्पताल में प्रसव हो रहा है। परिवार नियोजन के ऑपरेशन भी हो रहे है। टीबी मरीजों का निजी डॉक्टर व नर्सिंग होम वाले इलाज करते है लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी नहीं देते है। सीएस ने इसे गंभीरता से लेते हुए पहले चरण में 77 निजी नर्सिंग होम को चिह्नित किया है। चिह्नित सभी निजी नर्सिंग होम संचालकों कि 22 अगस्त को समाहरणालय सभागर में बैठक होगी। डीएम इन अस्पतालसंचालकों से रिपोर्ट नहीं देने के कारणों का फीडबैक लेंगे। इनको यह भी जानकारी दी जाएगी कि रिपोर्ट कैसे देनी है। इसके लिए फॉर्मेट दिया जाएगा। 


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