रूस के किर्गिस्तान में फंसे पश्चिम चंपारण के 35 मेडिकल छात्र, परिजनों ने लगाई मदद की गुहार
पश्चिम चंपारण जिले के 35 मेडिकल छात्र किर्गिस्तान में फंसे हुए है। पिछले 3 दिनों से बगैर खाना खाए हुए हैं। परिजनों ने सांसद से लगाई मदद की गुहार।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। लॉकडाउन में पश्चिम चंपारण जिले के 35 मेडिकल छात्र किर्गिजस्तान में फंसे हुए हैं। पिछले तीन दिनों से बगैर खाना खाए कमरे में कैद हैं। ये एशियन मेडिकल कॉलेज, गैगेरिना स्टीट्र कांत चुई, किर्गिजस्तान में मेडिकल अंतिम वर्ष के छात्र हैं। इनके लिए कॉलेज कैंपस में हॉस्टल की व्यवस्था नहीं है। कॉलेज कैंपस से दूर किराए का फ्लैट लेकर रहते हैं। एक फ्लैट में दो-तीन छात्र हैं। मार्केट पूरी तरह से लॉकडाउन है, घरों से निकलने की अनुमति भी नहीं है। आवश्यक सामान की आपूर्ति के लिए वहां की सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है। इस वजह से इनके पास खाने-पीने का कोई सामान नहीं है। इन छात्रों के स्वजन ने पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल से मदद की अपील की है।
बेतिया शहर की शिवपुरी कॉलोनी निवासी जयप्रकाश कुमार कुशवाहा की दो बेटियां और एक बेटा किर्गिजस्तान के एशियन मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना को लेकर लॉकडाउन के पहले ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बच्चों का पासपोर्ट जब्त कर लिया। इस वजह से वे घर वापस नहीं आ सके। अभी उन्हें खाने-पीने की बहुत किल्लत है। एक कमरे में तीनों बच्चे बंद हैं। वे डरे-सहमे हैं। कॉलेज प्रबंधन की ओर से वहां की गतिविधियों से किसी को साझा नहीं करने की हिदायत दी गई है। इस वजह से छात्र एवं उनके स्वजन भयभीत हैं। डॉ. डीपी सिंह और रंजन कुमार के बेटे भी वहां फंस हुए हैं।
सांसद ने अभिभावकों की व्यथा पर गंभीरता दिखाई है। उन्होंने बताया कि फिलवक्त कोरोना महामारी को लेकर छात्रों को भारत में वापस बुलाना तो संभव नहीं है। लेकिन, उनके खाने-पीने व अन्य किसी तरह की परेशानी को लेकर बात की जाएगी। विदेशों में रह रहे देश के हर नागरिक की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है। इधर, डीएम कुंदन कुमार का कहना है कि शिकायत मिलने पर प्रशासन की ओर से आवश्यक कदम उठाया जाएगा।