डीलरों ने बेच डाला गरीबों का निवाला, पुलिस की कार्रवाई पड़ी धीमी, डीएम ने उठाया यह कदम...
लॉकडाउन में मालामाल होने के लिए डीलरों ने गरीबाें के निवाले को बेच डाले। प्राथमिकी दर्ज कर सिमटी पुलिस आरोपित डीलरों की गिरफ्तारी में जिला पुलिस की कार्रवाई पड़ी धीमी।
संजीव कुमार, मुजफ्फरपुर। लॉकडाउन में मालामाल होने के खातिर जनवितरण प्रणाली के 35 दुकानदारों ने अनाज माफिया से साठगांठ कर गरीबों के खाद्यान्न को उनके हाथों बेच दिए। सरकार की तरफ से ये अनाज गरीबों के बीच वितरण को दिए गए थे, लेकिन रुपये के लिए डीलरों ने अनाज माफिया के हाथों अपनी जमीर बेच दी। शिकायत पर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने फौरन संज्ञान लिया।
त्वरित चालीस पदाधिकारियों की टीम गठित कर सभी जगहाें पर जांच कराई। जांच में सब मामला सामने आया। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने फौरन कार्रवाई कर इन 35 डीलरों के लाइसेंस रद कर दिए। डीएम के आदेश पर करीब दो दर्जन डीलरों पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई। लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने के बाद भी अब तक संबंधित थानों की पुलिस द्वारा काेई कार्रवाई नहीं की जा सकी। आरोपित डीलरों की गिरफ्तारी में पुलिस की रुचि नहीं दिख रही है। नतीजा आरोपित डीलर व अनाज माफिया खुलेआम इलाके में घूम रहे हैं।
आटा मिल तक पहुंचा गरीबों का नेवाला
प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपित डीलराें ने अनाज माफिया से सांठगांठ कर अधिकतर गेहूं को कुछ चर्चित आटा मिल संचालकों के हाथों बेचा है। बताया जा रहा कि कोरोना संक्रमण में मालामाल होने के लिए गेहूं की किल्लत को देखते हुए डीलरों ने आटा मिल संचालकों से उंचे दामों में अनाज की बिक्री कर दी। हालांकि पुलिस की जांच की गति धीमी है। इसलिए अनाज माफिया व आटा मिल संचालकों पर फिलहाल इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। कालाबाजारी की जांच की आच दो प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी पर भी पड़ी। डीएम ने औराई व पारू के प्रखंड पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पूरे प्रकरण में प्रशासन की तरफ से तेज गति से कार्रवाई की गई। लेकिन पुलिस की कार्रवाई धीमी पड़ने से आरोपितों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है।
विभिन्न थानों में दर्ज है मामले
अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी कुंदन कुमार ने बताया कि हेराफेरी व कालाबाजारी के आरोप में बोचहां में 2 ,गायघाट में एक, मीनापुर में 7, और कटरा में 2 डीलरों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है ।पश्चिमी अनुमंडल पदाधिकारी अनिल कुमार दास ने बताया कि साहेबगंज में दो, सरैया में छह और पारु में दो डीलरों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस तरह से जिले में खाद्यान्न की हेराफेरी व कालाबाजारी मामले में 22 प्राथमिकी विभिन्न थाने में दर्ज कराई गई है।
इस बारे में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि गरीबों के अनाज की वितरण में हेराफेरी व उनकी हकमारी करने वाले किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की गई है। 35 डीलरों के लाइसेंस रद करने के साथ दो प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को भी निलंबित किया गया है। मामले में जो भी लोग शामिल होंगे। इन सभी पर कार्रवाई होगी।