विवि में एक सप्ताह में 250 आवेदनों का निष्पादन
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर शुरू किए गए काउंटर का फायदा मिलने लगा है।
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर शुरू किए गए काउंटर का फायदा मिलने लगा है। विवि की ओर से 14 अक्टूबर से विद्यार्थियों के आवेदन लेने के लिए दो काउंटर शुरू किए गए थे। प्रतिदिन 70 से 80 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि एक सप्ताह में पेंडिंग रिजल्ट से जुड़े करीब 400 आवेदन आए। इनमें 250 आवेदनों का निष्पादन एक सप्ताह में कर दिया गया। वहीं, कुछ आवेदन पुराने हैं। इनका निष्पादन नहीं हो सकता। कुछ छात्र नियम विरुद्ध काम करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
कॉलेज नहीं कर रहे सहयोग : परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने कहा डिग्री, प्रोविजनल और अंकपत्र से जुड़े कई आवेदन ऐसे हैं जिन्हें एक महीने पहले ही कॉलेजों को भेजा जा चुका है। इसके बाद भी कॉलेज छात्रों के आवेदन अग्रसारित कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
कॉलेज समेकित कर भेजे आवेदन : विवि के परीक्षा विभाग में लग रही अनावश्यक भीड़ पर डॉ.मनोज ने कहा कि कॉलेजों को चाहिए कि छात्रों की समस्याओं को समेकित कर एक साथ विवि को भेजें। एक साथ एक ही प्रकार के बहुत से आवेदन होते हैं। उनका समाधान एक साथ कर दिया जाएगा। एक-एक कर आवेदन लेकर छात्र विवि पहुंचते हैं तो इससे भीड़ लगती है और विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है।
पैटर्न में गलती से परिणाम पर नहीं पड़ेगा असर
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित बीएड प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा में पैटर्न में हुई गड़बड़ी से परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, बीएड की परीक्षा के पैटर्न में गड़बड़ी होने के बाद छात्र-छात्राएं परेशान थीं कि कहीं इससे रिजल्ट न प्रभावित हो जाए। प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा में तीन व पांच ही खंड दिए थे। जबकि, निर्देश में अधिक खंडों से एक-एक सवाल का जवाब लिखना था। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि विद्यार्थियों की ओर से लिखे गए उत्तर के अनुसार ही रिजल्ट तैयार किया जाएगा। विद्यार्थियों को परेशान नहीं होना है। बता दें कि इस परीक्षा का परिणाम जल्द ही जारी किया जाएगा।