BRA Bihar University: चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में खाली रह गईं 25 फीसद सीटें, विशेषज्ञ ने बताई यह वजह
Four year integrated BEd course in BRA Bihar University बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के चार कॉलेजों में संचालित चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में इस वर्ष भी लगभग 25 फीसद सीटें खाली रह गईं। तीन चरण में काउंसिंलिंग के बाद भी छात्रों की विशेष रूचि इस कोर्स के प्रति नहीं दिखी।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के चार कॉलेजों में संचालित चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में इस वर्ष भी लगभग 25 फीसद सीटें खाली रह गईं। तीन चरण में काउंसिंलिंग के बाद भी छात्रों की विशेष रूचि इस कोर्स के प्रति नहीं दिखी। दो चरण में आरडीएस कॉलेज में और इसके बाद नोडल विवि के रूप में चयनित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के मुख्यालय में ऑनस्पॉट काउंसिलिंग कराई गई। इसके बाद भी कुल 400 में से 87 सीट खाली रह गए। हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इसवर्ष चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में करीब 35 फीसद अधिक नामांकन हुआ है। पिछले वर्ष सभी कॉलेजों में आधी से अधिक सीटें खाली रह गई थीं।
विशेषज्ञ बोले - अधिक फी के कारण रूचि नहीं ले रहे छात्र
विश्वविद्यालय के कई विशेषज्ञों ने बताया कि चार वर्षीय इस कोर्स के लिए 75 हजार रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से कुल तीन लाख रुपये फी तय किया गया था। इस कारण काफी छात्रों ने प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद भी नामांकन नहीं कराया। यह सच्चाई भी है। क्योंकि, आरडीएस कॉलेज में प्रथम चरण की आउंसिलिंग के दौरान काफी छात्र जो दूसरे जिलों से आए थे। लेकिन तीन लाख फी सुनने के बाद वे वापस लौट गए।
चार जनवरी को राजभवन को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो.अशोक मेहता ने कहा कि काउंसिलिंग शांतिपूर्ण और पूरी निष्पक्षता के साथ की गई। हालांकि, अधिक फी के कारण काफी विद्यार्थियों ने नामांकन नहीं लिया। दोनों राउंड की काउंसिलिंग में जहां 287 छात्रों ने नामांकन लिया। वहीं ऑनस्पॉट में 27 छात्रों ने अपना नामांकन कराया। उन्होंने बताया कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कॉलेजों से 31 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगा गया है। 4 जनवरी को राजभवन को रिपोर्ट भेज दिया जाएगा।