Unlock-1 in Muzaffarpur: विभिन्न रूटों के लिए 25 फीसद बसें चलीं, यात्रियों की संख्या रही नगण्य
Unlock-1 in Muzaffarpur विभिन्न रूटों के लिए निजी एवं बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें चलने लगी हैं। हालांकि पहले दिन बसों और यात्रियों की संख्या नगण्य ही रही।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अनलॉक-वन में बसों का परिचालन सोमवार से शुरू हो गया। विभिन्न रूटों के लिए निजी एवं बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें चलने लगी हैं। हालांकि पहले दिन बसों और यात्रियों की संख्या नगण्य ही रही।
सोमवार को तकरीबन 20 फीसद यात्रियों ने ही बसों से सफर किया। यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए तकरीबन 75 फीसद बसों का परिचालन नहीं हुआ। लॉकडाउन की वजह से आर्थिक नुकसान झेल रहे बस संचालकों ने नुकसान बढऩे के भय से बसों का परिचालन नहीं किया। इस दौरान बैरिया पड़ाव में बसें कतार में खड़ी रहीं।
मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि पटना के लिए खुली बस में चार-पांच यात्री ही सवार हुए। यहीं हाल अन्य जगहों की बसों का भी रहा। जिला प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने कहा कि यात्री नहीं है। ऐसे में बस संचालकों के ईंधन का भी खर्च नहीं निकल पाएगा। लॉकडाउन की वजह से बस संचालकों की कमर पहले ही टूट चुकी है। स्थिति सामान्य होने में अभी समय लगेगा।
पथ परिवहन निगम की इक्की-दुक्की बसें चलीं
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों को भी यात्री नसीब नहीं हुए। इस वजह से इक्की-दुक्की बसें ही चलीं। जो बसें चलींं उनमें 10 से 15 यात्री ही रहे। सोमवार को इमलीचट्टी स्थित निगम के पड़ाव से पटना के लिए एक, साहेबगंज के लिए दो, सीतामढ़ी के लिए दो, जजुआर के लिए एक एवं डुमरी के लिए एक बस चली। जबकि यहां से प्रतिदिन एक सौ से अधिक बसों का विभिन्न जिलों के लिए परिचालन होता है। क्षेत्रीय प्रबंधक एसएन झा ने कहा कि सरकार के आदेश पर बसों को धोने के बाद सैनिटाइज किया गया। उसके बाद बसों का परिचालन हुआ।
चार हजार से अधिक बसों का होता है परिचालन
जिले से प्रतिदिन अंतर जिला व अंतर राज्यों की चार हजार से अधिक बसों का परिचालन होता है। विभिन्न जिलों के अलावा रांची, सिल्लीगुडी, टाटा, पूर्णिया, धनबाद आदि के लिए बसें चलती हैं। हाल के दिनों में दिल्ली के लिए भी काफी संख्या में बसों का परिचालन हो रहा है।
बसों के कागजात अपडेट नहीं, जुर्माने का डर
लॉकडाउन अवधि में एक तरफ जहां बसों का परिचालन ठप रहा, वहीं परिचालन संबंधी कई कागजात की वैधता भी समाप्त हो गई। टैक्स, परमिट, प्रदूषण, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि फेल होने की वजह से बस संचालकों को जुर्माने का भय सता रहा है। अधिकतर संचालकों ने कहा कि कागजात अपडेट होने के बाद ही बसों का परिचालन करेंगे।
पुलिस पर परेशान करने का आरोप
बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस चालकों और कंडक्टरों को परेशान कर रही है। परिवहन विभाग द्वारा सीट की क्षमता के अनुसार परिचालन की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि एक तो बसों मेंं मुश्किल से दस से 15 यात्री ही सफर कर रहे है उसके बाद भी पुलिस परेशान कर रही है। इसे बंद नहीं किया गया तो फेडरेशन इसके खिलाफ सरकार को शिकायत करेगा।