शिवहर : शहरी क्षेत्र की 25 एकड़ खेती योग्य भूमि हो गई बेकार, व्यवस्था की मार झेल रहे लोग
Sheohar News शिवहर शहरी क्षेत्र की 25 एकड़ खेती योग्य भूमि बेकार होकर रह गई है। व्यवस्था की मार और प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसानों की खेती योग्य जमीन बर्बाद हो चुकी है। जलजमाव के चलते जहां इलाका जलजमाव की गिरफ्त में है।
शिवहर, जागरण संवाददाता। शिवहर शहरी क्षेत्र की 25 एकड़ खेती योग्य भूमि बेकार होकर रह गई है। व्यवस्था की मार और प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसानों की खेती योग्य जमीन बर्बाद हो चुकी है। जलजमाव के चलते जहां इलाका जलजमाव की गिरफ्त में है। वहीं जलजमाव के चलते लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। इतना ही नहीं खेती योग्य जमीन अब किसी काम का नहीं रह गया है। इलाके के किसानों द्वारा दर्जनों बार डीएम से आवेदन देकर गुहार लगाई गई। डीएम द्वारा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके, आठ माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
बताते चलें कि, शिवहर नगर पंचायत के वार्ड पांच, छह, सात व आठ में जलनिकासी की व्यवस्था नही है। उल्टे शहर का पानी, इसकी इलाके में बहता है। चारों वार्ड शहर के घनी बस्ती में शामिल है। बस्ती के पीछे तकरीबन 25 एकड़ जमीन है। जहां वर्षों पूर्व तक इलाके के किसान खेती करते थे। लेकिन अब सालोभर यह इलाका जलजमाव की गिरफ्त में रहता है। लिहाजा, किसानों की खेती चौपट हो गई है। बरसात में लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। अधिकारियों से लगाई गई गुहार के बावजूद इसके लोगों की परेशानी बरकरार है।
मामले को लेकर कमलेश्वरी मिश्रा, देवेश्वरी मिश्रा, उज्जवल कुमार, बबलू कुमार, शिवम कुमार, हर्ष कुमार, अवनींद्र कुमार, राम कुमार, उमेश पटेल, सतीश कुमार पटेल, भोला राउत, राकेश कुमार, रामजी कुमार पटेल, विवेक कुमार, कन्हाई मिश्र, मुन्नाकांत तिवारी, उमेश राय, रामचंद्र राउत, मनोज कुमार, रौशन कुमार पटेल, विशंभर कुमार, विकास कुमार सिंह, नवीन कुमार व फूल कुमार सिंह आदि ने डीएम को संयुक्त आवेदन देकर इन वार्डों में नाला निर्माण की गुहार लगाई थी। साथ ही जलजमाव से मुक्ति दिलाने की मांग की थी। मोहल्लेवासियों के आवेदन के आलोक में 29 मई 2020 को तत्कालीन डीएम ने नगर पंचायत शिवहर के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र भेजकर मामले की जांच कर समस्या के समाधान का आदेश दिया था। लेकिन डीएम के आदेश के आठ माह बाद भी समस्या बरकरार है।