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ब‍िहार में एक डॉक्‍टर ऐसा भी जो मरीजों का फूलों से करते स्वागत, बगहा में खुशनुमा माहौल में इलाज

पश्‍च‍िम चंपारण के बगहा एक डॉक्‍टर की अनोखी पहल उनके पास इलाज कराने पहुंचने वालों के चेहर पर रहती मुश्‍कान 2005 से अनुमंडलीय अस्पताल में तैनात हैं डॉ.अग्रवाल अस्पताल परिसर में करते हैं मौसमी फूलों की खेती करते।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 03:08 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 03:08 PM (IST)
ब‍िहार में एक डॉक्‍टर ऐसा भी जो मरीजों का फूलों से करते स्वागत, बगहा में खुशनुमा माहौल में इलाज
पश्‍च‍िम चंपारण के बगहा में मरीजों का स्‍वागत करते डॉक्‍टर। जागरण

पश्‍च‍िम चंपारण, जासं। अनुमंडलीय अस्पताल में एक ऐसे चिकित्सक हैं। जिनकी वजह से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के चेहरे पर राहत आती है। उम्मीद जगती है और खुशनुमा माहौल में इलाज होता है। बगहा अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत प्रभारी उपाधीक्षक डा. एसपी अग्रवाल का अंदाज अन्य चिकित्सकों से अलग है। ये अस्पताल आने वाले मरीजों का सबसे पहले फूल देकर स्वागत करते हैं। इसके बाद बेहतर इलाज और शीघ्र ठीक होने का भरोसा देते हैं। वे वर्ष 2005 से इस अस्पताल में कार्यरत हैं। यह सिलसिला उसी दौर से है। बीमारी से परेशान मरीजों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं। वे अस्पताल परिसर में मौसमी फूलों की खेती करते हैं। मरीजों को देने के लिए वहीं से फूल मंगाते हैं। बताते हैं कि गंभीर मरीजों का तत्काल इलाज किया जाता है, उसकी स्थिति सामान्य होने पर बात की जाती है। वे गरीब मरीजों को अस्पताल में अनुपलब्ध दवा बाहर से खरीदने के लिए पैसे भी दे देते हैं।

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अस्पताल में लगे फूलों की बागवानी में देते पानी

डॉक्टर एसपी. अग्रवाल कहते हैं कि वे मरीजों को फूल परिसर में लगे बागवानी से देते हैं।वे नियमित रूप से बागवानी में पानी डालते हैं। तरह-तरह के फूल भी लगाते हैं और उनकी देख भाल भी करते हैं।

कहते हैं कि मरीज यहां पर दुख में आते हैं। ऐसे में उनके इलाज के साथ उनके चेहरे पर मुस्कान आ सके। इसके लिए परिसर में फूल पौधे लगाए गए हैं। इनको देख मरीज और स्वजन अपना दुख कुछ देर के लिए भूल जाते है। फूलों की देखभाल करना सभी अस्पताल कर्मियों का दायित्व बनता है। इन पौधों पर लगे फूल देखकर आत्म संतुष्टि मिलती है।

जिनके पास पैसा नहीं, उन्हें खरीद कर देते दवा

अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं रहने पर डॉ.अग्रवाल अपनी जेब से दवा खरीद कर मरीजों को देते हैं। कहते हैं कि मानव सेवा कर मुझे बहुत आत्म संतुष्टि होती है। मेरे माता-पिता व स्वजन ने मुझे गरीब, निर्धन, मरीजों की इलाज करते हुए हर संभव सेवा करने की सीख दिया है। मैं इसे आजीवन करता रहूंगा। मेरे दो पुत्र भी डॉक्टर है। मैं उनको भी निस्वार्थ सेवा करने की सीख देता हूं।

मरीजों ने कहा

अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती बनचहरी की राबड़ी देवी व धर्मपुर की पूजा देवी कहती हैं कि कई अस्पतालों में इलाज के लिए गई हैं। लेकिन, ऐसे चिकित्सक कम ही मिलते हैं। जो इलाज के साथ फूल देकर उनका उत्साहवर्धन करते हैं। अन्य चिकित्सकों को भी डॉ.अग्रवाल से सीख लेनी चाहिए।


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