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समस्तीपुर नहीं आए मुख्यमंत्री, तटबंध सुदृढ़ीकरण योजना का निरीक्षण करने आने वाले थे नीतीश कुमार

CM Nitish Kumar Visit to Samastipur समस्तीपुर के शिवाजीनगर में बरियाही घाट पर 121 करोड़ की लागत से हो रहे तटबंध सुदृढ़ीकरण का निरीक्षण के लिए आने वाले थे मुख्यमंत्री। मौसम की खराबी की वजह से नहीं उड़ सका हेलीकॉप्टर।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 03:28 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 03:28 PM (IST)
समस्तीपुर नहीं आए मुख्यमंत्री, तटबंध सुदृढ़ीकरण योजना का निरीक्षण करने आने वाले थे नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर बरियाहीघाट की झलक

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। शिवाजीनगर के बरियाही घाट पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं पहुंच सके। मौसम की खराबी की वजह से उनका हेलीकॉप्टर नही उड़ सका। विगत एक सप्ताह से स्थानीय पदाधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन की मैराथन तैयारियों के बीच बुधवार अपराह्न करीब 1.30 बजे सीएम के यहां पहुंचने का कार्यक्रम निर्धारित था। यहां वे करेह नदी के बाएं तटबंध पर जारी 121 करोड़ रुपये की लागत से सुदृढ़ीकरण योजना का जायजा लेने आने वाले थे । इस योजना के बावजूद नदी का बाया तटबंध दाहिने तटबंध से 3 मीटर नीचा रहने के कारण भविष्य में उत्पन्न होने वाली बाढ़ के संभावित खतरों की भी समीक्षा करने वाले थे। हालांकि प्रशासनिक या विभागीय पदाधिकारी द्वारा इस आशय की पुष्टि नहीं की गई । लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो बाएं तटबंध में सिरनिया से सिरसिया 0 से 60 किलोमीटर तथा सिरसिया से फुहिया 0 से 11 किलोमीटर तटबंध सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है। जबकि फुहिया से आगे 4 किलोमीटर नए तटबंध निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। महज 3

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माह पूर्व मार्च 2021 में इस योजना पर कार्य प्रारंभ हुआ था। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दरभंगा के अंतर्गत उक्त योजना को युद्ध स्तर पर संपन्न कराने का प्रयास जारी है। विदित हो कि विभाग द्वारा दाहिने तटबंध का ऊंचीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य विगत वर्ष मानसून से पूर्व ही संपन्न करा दिया गया था। जबकि बांया तटबंध पर किसी प्रकार का कार्य नहीं कराया गया था। इसी कारण विगत वर्ष नदी में आए उफान के बाद करेह के बाएं तटबंध की स्थिति भयावह हो गई थी। कई जगहों पर नदी का पानी ओवरफ्लो कर गया था। संभावित बाढ़ की विभीषिका से दहशत में आए क्षेत्र के लोगों ने अथक प्रयास और रतजगा कर तटबंध को टूटने से बचाने में सफल रहे थे। मुख्यमंत्री के आने से इस तटबंध के किनारे बसे गांवो के ग्रामीणों में आशा की एक किरण जगी थी कि अब बाएं तटबंध की ऊंचाई दाहिने के बराबर संभव है।तटबंध पर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर समेत सभी वरीय अधिकारी मौजूद रहे। हालांकि सूचना मिलते ही सारे अधिकारी लौट गए।


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