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Acute Encephalitis Syndrome: एईएस पर शोध को आएगी जोधपुर एम्स की टीम, मुजफ्फरपुर में रहकर करेगी जांच

Acute Encephalitis Syndrome गर्मी में बच्चों के लिए जानलेवा एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) बीमारी का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। इसके चलते इलाज लक्षण के आधार पर होता है। अब इस बीमारी पर शोध के लिए एम्स जोधपुर की टीम आएगी।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 07:54 AM (IST)
Acute Encephalitis Syndrome: एईएस पर शोध को आएगी जोधपुर एम्स की टीम, मुजफ्फरपुर में रहकर करेगी जांच
एईएस पर शोध को आएगी जोधपुर एम्स की टीम।

मुजफ्फरपुर [अमरेंद्र तिवारी]। गर्मी में बच्चों के लिए जानलेवा एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) बीमारी का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। इसके चलते इलाज लक्षण के आधार पर होता है। अब इस बीमारी पर शोध के लिए एम्स जोधपुर की टीम आएगी। नौ व 10 अप्रैल को मुजफ्फरपुर में रहेगी।

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एईएस का प्रकोप 1995 से मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में है। इससे गर्मी में हर साल बच्चों की जान जाती है। जोधपुर एम्स के शिशु रोग विभागाध्यक्ष व शोध टीम के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह के अनुसार एईएस पीडि़त बच्चों के माइटोकांड्रिया पर शोध किया जाएगा। टीम पहले 8 अप्रैल को  पटना में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। इसके बाद मुजफ्फरपुर में एईएस से पीडि़त होने के बाद स्वस्थ हुए बच्चों का सैंपल लेकर शोध करेगी। उनकी टीम जिले के सर्वाधिक प्रभावित मुशहरी, कांटी और मीनापुर पर मुख्य रूप से फोकस करेगी।

सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी का कहना है कि इस साल अभी तक पारू का एक बच्चा आकाश इसकी चपेट में आने के बाद ठीक होकर घर जा चुका है। फिलहाल जागरूकता ही बचाव है।

एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चे को धूप में जाने से रोकें। इससेे डिहाइड्रेशन के चलते बीमारी की गंभीरता बढ़ती है। बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं। ओआरएस अथवा नींबू, पानी, चीनी का घोल पिलाएं। रात में भरपेट खाना खिलाकर सुलाएं। चीनी-नमक का घोल पिलाना चाहिए। तेज बुखार व चमकी के लक्षण हों तो तत्काल सरकारी अस्पताल में लेकर जाएं। 


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