International women's day 2021:बेटियों के उत्थान, महिलाओं के कल्याण में सरकार तत्परता से कर रही काम
International womens day 2021 कन्या उत्थान योजना के तहत बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद।शादी के बाद मातृ वंदना योजना का भी लाभ। जन्म से लेकर पठन-पाठन व शादी तक में आर्थिक मदद की जा रही है।
मुजफ्फरपुर, जासं। International women's day 2021: बेटियों के उत्थान व महिलाओं के कल्याण में सरकार तत्परता से काम कर रही है। कन्या उत्थान योजना के तहत बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें आर्थिक मदद दी जा दे रही है। जन्म से लेकर पठन-पाठन व शादी तक में आर्थिक मदद की जा रही है। वहीं शादी के बाद मातृ वंदना योजना के तहत भी आर्थिक मदद की जा रही है।
कल्याणकारी योजनाएं आर्थिक रूप से कमजोर बेटियों को आगे बढऩे में प्रोत्साहित कर रही हैं। कन्या उत्थान, मुख्यमंत्री कन्या विवाह समेत कई कल्याणकारी योजनाओं से जिले की हजारों बेटियां लाभान्वित हो रही हैं। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में जन्म से लेकर दो वर्ष तक की बेटियों को दो हजार रुपये दिए जा रहे हैं। जिले के विभिन्न प्रखंडों में करीब 2080 बेटियों को योजना का लाभ मिला। विवाह के बाद बेटियों को कन्या विवाह योजना की राशि मिल रही है। गरीब परिवार की बेटियों को शादी के बाद आर्थिक सहायता की जा रही है। जिले में अबतक 49 हजार 732 बेटियां इससे लाभान्वित हुईं हैंं। अन्य को लाभ देने की कवायद तेज है। योजना की राशि के लिए विभिन्न प्रखंडों में करीब 57 हजार 514 बेटियों ने आवेदन दिए।
मातृ वंदना योजना में 25 हजार से अधिक को मिल रहा लाभ
मातृ वंदना योजना के तहत जिले में 25 हजार से अधिक को आर्थिक लाभ मिल रहा है। विभिन्न प्रखंडों में एक लाख से अधिक आवेदन आए। इसमें 25 हजार 544 आवेदकों को योजना का लाभ मिला। संस्थागत प्रसव में वृद्धि व गर्भवती को विशेष सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत पहली बार मां बनने पर पांच हजार रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है। यह राशि गर्भवती के खाते में जाती है। इसे तीन किस्तों में दिया जाता है। पहली किस्त एक हजार रुपये की तब दी जाती है जब गर्भवती अपना पंजीकरण कराती है। दूसरी किस्त में दो हजार रुपये गर्भवती को छह माह के बाद प्रसव पूर्व जांच के बाद दी जाती है। तीसरी और अंतिम किस्त में दो हजार रुपये बच्चे के जन्म पंजीकरण के बाद एवं प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद दी जाती है।
गोद लेने में भी बेटियों को मिल रही तरजीह
गोद लेने में भी बेटियों को तरजीह दी जा रही है। एक समय था जब लोग बेटों को अधिक महत्व देते थे। धीरे-धीरे लोगों की सोच बदलने लगी है। गोद लेने में निसंतान दंपती बेटियों को तरजीह देने लगे हैं। विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रहने वाली अनाथ बेटियों को अपना कर घर-संसार गुलजार कर रहे हैं। कानूनी जटिलता को पार करके वे बेटी को गोद ले रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि खबरा स्थित दत्तक ग्रहण संस्थान से अधिकतर लोगों ने बेटियों को गोद लिया है। देश के विभिन्न राज्यों के दंपती अबतक 21 बच्चों को गोद ले चुके हैं। इसमें 12 लोगों ने बेटी को प्राथमिकता दी। इनमें कई दंपती ऐसे हैं जो निसंतान हैं तो कई ने अपना पुत्र होने के बाद भी बेटी को गोद लिया।