मधुबनी में आंदोलन ने दिखाया असर, राशि निकासी के दो साल बनी पीसीसी सड़क
मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड अंतर्गत बिशौल पंचायतमें वर्ष 2018-19 में सड़क बननी थी। पांच लाख 55 हजार की निकासी भी हुई पीसीसी नहीं किया गया। फिर छह दिनों के अनशन आंदोलन के बाद पीसीसी सड़क बना दी गई।
मधुबनी, जागरण संवाददाता। मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड अंतर्गत बिशौल पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत गली-नाली योजना से राशि निकासी के दो वर्ष बाद सड़क बनना यहां सभी हलके में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि सड़क बनने से ग्रामीणों में अब संतोष का भाव है। वेे कह रहेे कि चलो देर आए दुरुस्त आए।
निकासी के बाद दो वर्ष तक राशि का दुरुपयोग :
स्थानीय लोगों ने निकासी के बाद दो वर्ष तक राशि का दुरुपयोग करने की बात कही। गौरतलब है कि बिशौल पंचायत अंतर्गत शोहपुर गांव के वार्ड नंबर 11 में गली-नाली योजना के तहत वर्ष 2018-19 में मो. नाजिर के घर से मो. कादिर के घर तक मिट्टीकरण, खरंजा व पीसीसी करने के लिए पांच लाख 55 हजार नौ सौ रुपये का प्राक्कलन बनाया गया। प्राक्कलन के बाद योजना के तहत पांच लाख 55 हजार की निकासी भी हुई, लेकिन मिट्टीकरण एवं खरंजा के बाद पीसीसी नहीं किया गया।
छह दिनों तक अनशन पर बैठने के बाद संबंधित जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की आंख खुली :
पंचायत की इन सभी समस्याओं को लेकर ग्रामीण सह राष्ट्रीय दलित न्याय आंदोलन के जिलाध्यक्ष मोहन राम के द्वारा प्रखंड कार्यालय परिसर में लगातार छह दिनों तक अनशन पर बैठने के बाद संबंधित जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की आंख खुली और दो दिन पूर्व जैसे-तैसे पीसीसी सड़क बना दी गई।
मुखिया ने कहा-मेटेरियल की कमी के कारण कुछ दिनों तक कार्य बाधित रहा
ग्रामीण मोहन राम ने कहा दो वर्ष तक सरकारी राशि जेब में लेकर घूमना कहां तक सही है। इस संबंध में मुखिया मदन राम ने बताया कि कोरोना काल में मेटेरियल की कमी के कारण कुछ दिनों तक कार्य बाधित रहा। स्थिति सामान्य होने पर सड़क का निर्माण करा दिया गया है। वहीं ंइस संबंध में बीडीओ अरङ्क्षवद कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि मामला संज्ञान में है। जांच की जा रही है। जांचोपरांत आगे की कार्रवाई की जाएगी।