West Champaran : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र स्थित इस प्राचीन मंदिर की भूमि पर एसएसबी बीओपी निर्माण के प्रस्ताव पर बढ़ा विवाद, जानिए मामाला
वीटीआर क्षेत्र स्थित प्राचीन जटाशंकर मंदिर के भू-खंड पर एसएसबी 21 वीं वाहिनी के प्रस्तावित बीओपी निर्माण का स्थानीय स्तर पर विरोध किया जा रहा है। मंदिर कमेटी और थारू कल्याण महा संघ के सदस्यों ने उक्त भूमि को मंदिर की जमीन बताया है।
पश्चिम चंपारण (बगहा), जागरण संवाददाता। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) वन प्रमंडल- दो के सघन वन क्षेत्र में स्थित प्राचीन जटाशंकर मंदिर के खाली पड़े भू-खंड पर एसएसबी 21 वीं वाहिनी के प्रस्तावित बीओपी निर्माण पर ग्रहण लगता प्रतीत हो रहा है। बीओपी निर्माण के लिए पहुंचे एसएसबी के अधिकारी एवं वन कर्मियों का जटाशंकर न्यास बोर्ड और भारतीय थारू कल्याण महासंघ के सदस्यों सहित कई श्रद्धालुओं ने विरोध किया।
मंदिर के नाम से दो एकड़ 13 धुर जमीन आवंटित :
बताते चलें कि सन 1904 में जटाशंकर मंदिर के नाम से दो एकड़ 13 धुर जमीन तत्कालीन महारानी जानकी कुंवर के द्वारा आवंटित है। बुधवार को एसएसबी 21वीं वाहिनी के सहायक सेना नायक देवेन्द्र उपाध्याय एवं वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद दल बल के साथ उक्त भूमि पर बीओपी के निर्माण के लिए पहुंचे थे। तभी मंदिर कमेटी और थारू कल्याण महा संघ के सदस्यों ने उक्त भूमि को मंदिर की जमीन बता कर निर्माण को होने से रोक दिया।तथा भूमि के दस्तावेज को साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया।
एसएसबी के अधिकारियों से गुहार लगाई :
मौके पर मौजूद एसएसबी के अधिकारियों से गुहार लगाई कि अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने का समय दिया जाए। ताकि वस्तुस्थिति से सरकार को अवगत कराया जा सके।
इस बाबत भारतीय थारू कल्याण महासंघ तापा राजपुर सोहरिया के अध्यक्ष महेश्वर काजी ने बताया कि उक्त भूमि जटाशंकर मंदिर के नाम से सन 1904 ई0 से आवंटित है। जिसका खतियान और नक्शा हमारे पास मौजूद है। जिसका खाता संख्या 134 और खेसरा न0 682,713 और 714 है वन विभाग ने अपनी भूमि के बजाय मंदिर की भूमि को अपना बता कर एसएसबी को नए बीओपी निर्माण के लिए दे दिया है। न्यास बोर्ड के माध्यम से सरकार को आवेदन देकर वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे।
अधिकारी कह रहे भूमि वन विभाग की :
इस बाबत वाल्मीकि नगर रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि उक्त भूमि वन विभाग की है। जिस पर एसएसबी को बीओपी के निर्माण के लिए दिया गया है।जिसका मंदिर के समिति के सदस्यों के द्वारा विरोध किया जा रहा है।जिसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी गई है। मौके पर एसएसबी 21वीं वाहिनी के डिप्टी कमांडेंट शेखर प्रताप ङ्क्षसह और एसएसबी ऑपरेशन के डिप्टी कमांडेंट के अंगू ङ्क्षसह ने बताया कि हम लोग नए बीओपी के निर्माण के लिए उक्त मौके पर पंहुचे थे। लेकिन मंदिर समिति के सदस्यों,थारू संघ के सदस्य और श्रद्धालुओं ने बीओपी निर्माण को लेकर विरोध जताया है। वस्तुस्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। वहीं उपस्थित समाज सेवी अमित कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि जटाशंकर मंदिर के बगल में बीओपी का कोई औचित्य नहीं है।
मौके पर थारू कल्याण महा संघ के केंद्रीय मंत्री शंखधर महतो,उप सचिव रविन्द्र प्रसाद,कमल दहइत,निर्भय कुमार,जगदीश सोखइत,जय प्रकाश राय,वन विभाग के अमीन आजाद प्रसाद, एएसआइ ललन ङ्क्षसह और जवान सहित सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।