पूर्वी चंपारण में नीलगाय से परेशान हैं किसान, खेतों में लगी फसल बर्बाद
East champaran मोतिहारी के विभिन्न क्षेत्रों में नीलगायों को आतंक इतना है कि किसान परेशान हो गए हैं। एकजुट होकर नीलगाय फसलों को बर्बाद कर रहीं हैं। इन्हे मारने पर प्रतिबंध है। वन विभाग द्वारा इन्हें वन क्षेत्र में ले जाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
पूर्वी चंपारण, जासं। मोतिहारी के अधिकांश इलाकों में किसानों के लिए नीलगाय एक बड़ी समस्या बन गई है। कई गांवों के किसान नीलगायों के आतंक से परेशान हैं। वन विभाग द्वारा इन्हें वन क्षेत्र में ले जाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे किसानों की खेती तहस-नहस हो रही है। तैयार गेहूं की फसल, तोरी मसूर, सरसों ,मक्का, आलू आदि फसलों को झुंड के झुंड आकर नीलगाय बर्बाद कर रही है।
किसान रामबली सिंह, राम सकल सिंह, दिनेश शुक्ला, जगत नारायण प्रसाद, जयप्रकाश सिंह, डॉ एनएन तिवारी, विशेषर पासवान आदि ने अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि न केवल ये फसलों को चल रही हैं, बल्कि उन्हें बर्बाद भी कर रही हैं। जिससे हमारी भारी क्षति हो रही है। इन्हें मारने पर प्रतिबंध है, फल स्वरुप इन्हें हम मार भी नहीं सकते। अब करें तो क्या करें ? जैसे कोई हमारे आगे की भोजन की थाली छीन रहा हो ऐसा महसूस कर रहे हैं। अपने फसल को बर्बाद होते हम देखते रह जाते हैं। पहले तो यह रात को ही फसलों में प्रवेश करती थी। अब तो दिन को ही फसल को नष्ट कर रही हैं। बताया जाता है की ये निलगायें आम, लीची तथा अन्य फलदार पौधों को खा जाते है तो उनका सुखना तय है। झुंड में दर्जनों की संख्या में आकर ये फसलों को बर्बाद कर रहे है। ग्रामीणों ने कई बार इसकी सूचना बन विभाग को दिया परंतु उनके तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। फलस्वरूप किसान रातजगा करने को मजबूर है।