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Darbhanga: डीएमसीएच में जीएनएम की पढ़ाई पर अव्यवस्था भारी, एक साल से प्रयोगशाला नहीं गईं छात्राएं

Darbhanga News भवन की कमी के कारण मारे-मारे फिर रहीं छात्राएं कागजी घोड़ा दौड़ाने में लगा रहा दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल प्रशासन। पुराने भवन के ध्वस्त होने के बाद सरकारी आदेश के आलोक में बीएससी नर्सिंग कॉलेज भवन में तत्काल शुरू की जानी थी पढ़ाई स्कूल होना था शिफ्ट।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 01:51 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 01:51 PM (IST)
Darbhanga: डीएमसीएच में जीएनएम की पढ़ाई पर अव्यवस्था भारी, एक साल से प्रयोगशाला नहीं गईं छात्राएं
दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की फाइल फोटो।

दरभंगा दिनेश राय। दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में सामान्य नर्सिंग व प्रसूति विद्या (जीएनएम) की पढ़ाई पर अव्यस्था भारी है। पिछले एक साल से यहां (जीएनएम स्कूल) की छात्राएं मारे-मारे फिर रहीं हैं। उन्हें न तो पढ़ाई के लिए बेहतर भवन नसीब है। नहीं प्रयोगशाला। नतीजतन बेहतर शिक्षा पाने की उम्मीद में छात्राएं डीएमसीएच प्रशासन और सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। लगातार एक साल से छात्राओं की उम्मीद पर पानी फिर रहा है। पूरी व्यवस्था जुगाड़ पर आधारित हो गई है। 1950 के दशक में बने पुराने नर्सिंग स्कूल छात्रावास के जर्जर भवन के तीन कमरों में फिलहाल150 छात्राओं के शिक्षण का कार्य चल रहा है। वह भी अधिकारियों की मर्जी के हिसाब से। मौसम अनुकूल होता है तो पढ़ाई होती है। वरना नहीं होती है।

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जीएनएम भवन के ध्वस्त होने के बाद नहीं नसीब हो सका बीएससी नर्सिंग का भवन

बताते हैं कि जिस भवन में छात्राएं पढ़ती थी उसे 2019 में इस कारण से ध्वस्त कर दिया? गया कि वहां सर्जिकल भवन बनना था। सर्जिकल भवन अभी बन ही रहा है। इस बीच सरकार ने छात्राओं की समस्या को देखते हुए उनकी पढ़ाई बीएससी नर्सिंग कॉलेज भवन में तत्काल शुरू करने का आदेश दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल प्रशासन को दिया। लेकिन, इसमें देरी हो गई। इस बीच कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हो गया। नतीजतन इस भवन में डीएमसीएच के पूर्व प्राचार्य ने कोरोना मरीजों के रहने की व्यवस्था तात्कालिक तौर पर करा दी। लेकिन, जब कोरोना का साया इस भवन से हटा तो यहां हड्डी और सर्जरी के मरीजों को शिफ्ट कर दिया? गया। नतीजा छात्राओं को बेहतर भवन मिलते-मिलते रह गया।

 एक साल प्रयोगशाला नहीं गईं छात्राएं

छात्राओं के अनुसार फिलहाल उनकी पढ़ाई 1950 में बने जर्जर नर्सिंग स्कूल के छात्रावास भवन के तीन कमरों में चल रही है। सबसे आश्चर्यजनक यह कि पढ़ाई और प्रयोग दोनों साथ करने की व्यवस्था वक्त के साथ समाप्त हो गई। वजह, यह कि मूल भवन टूटा तो प्रयोगशाला (लैब) के संयंत्रों को एक कमरा में बंद कर दिया गया। छात्राओं का लैब जाना इसी के साथ बंद हो गया।

 इस बारे में जीएनएम स्कूल की प्राचार्य पूनम कुमारी ने कहा कि सरकार ने जीएनएम की पढ़ाई बीएससी नर्सिंग के नए भवन में संचालित करने का आदेश दिया था। कोरोना काल के चलते तत्काल कोरोना मरीजों के लिए भवन आवंटित किया गया। अब उस भवन में हड्डी व सर्जरी विभाग के मरीजों को रखा जा रहा है। सो, समस्या बढ़ी है।

 वहीं डीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा ने बताया कि मुझे इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी ले रहा हूं। पूर्ण जानकारी लेने के बाद इस विषय पर छात्राओं के हित में उचित निर्णय लिए जाएंगे।


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