मुजफ्फरपुर के निलंबित प्रशिक्षु दारोगा का अंतरजिला शराब सिंडिकेट से भी कनेक्शन
रिश्तेदार को अस्पताल पहुंचाने की बात कहकर गया था डील करने। मोबाइल से मिले नंबरों के आधार पर शराब धंधेबाजों की सूची तैयार। छानबीन के दौरान करजा सदर और पूर्वी चंपारण के कई धंधेबाजों से उसका संपर्क होने की बात पता चली है।
मुजफ्फरपुर, जासं। स्प्रिट धंधेबाजों से डील करने में जेल भेजे गए प्रशिक्षु दारोगा बीके यादव का अंतरजिला शराब सिंडिकेट से कनेक्शन मिला है। इसके बाद से पुलिस अलर्ट हो गई है। छानबीन के दौरान करजा, सदर और पूर्वी चंपारण के कई धंधेबाजों से उसका संपर्क होने की बात पता चली है। इसी आधार पर टीम ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
विशेष टीम ने प्राथमिकी में नामजद मोतिहारी के टुन्ना सिंह समेत अन्य की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की। लेकिन, वह फरार मिला। बताया जा रहा है कि प्रशिक्षु दारोगा की गिरफ्तारी के बाद से सभी शराब और स्प्रिट धंधेबाज फरार हो गए हैं। मोतिहारी पुलिस को इससे अवगत करा दिया गया है। वहां के स्प्रिट धंधेबाजों के नाम और ठिकानों की जानकारी भी दे दी गई है, ताकि स्थानीय पुलिस स्तर से इनके ठिकाने को ध्वस्त कर सके। बता दें कि स्प्रिट धंधेबाज से ढ़ाई लाख रुपये में डील करने के मामले में गिरफ्तार प्रशिक्षु दारोगा ब्रज किशोर यादव को जेल भेज दिया गया था। उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उसके साथ चौकीदार के पुत्र रामसेवक और ट्रक खलासी सरोज कुमार को जेल भेजा गया था। वहीं मामले में इन तीनों के अलावा टुन्ना सिंह, करजा का कमलेश कुमार, पूर्वी चंपारण मेहसी का दिलीप साह, अहियापुर बैरिया का संजीव सिंह, मोतिहारी का संतोष साह और पुरानी बाजार, मादापुर बलमी के नीरज कुमार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
झूठ बोलकर थाना से निकला था
बताया गया कि शुक्रवार की रात बीके यादव ने अपने एक वरीय अधिकारी से कहा था कि उसका एक रिश्तेदार बीमार है, उसे अस्पताल पहुंचाने जाना है। इसी के बाद वह चौकीदार के पुत्र को लेकर रामदयालु से स्प्रिट लदे ट्रक को स्कॉर्ट करते हुए कच्ची पक्की पहुंचा। वहां पेट्रोल पंप पर ट्रक खड़ा करवाया और डील करने लगा।
रुपये आने में हुई थी देरी
खलासी सरोज और ट्रक चालक कमलेश कुमार से उसने डील तय कर ली थी। इस दौरान दर्जनों बार उसने अपने मोबाइल से पूर्वी चंपारण के नामजद आरोपितों से बात भी की और ढाई लाख रुपये में ट्रक को स्कॉर्ट कर चकिया तक पहुंचाने की डील फाइनल की। धंधेबाजों ने उसे कच्ची-पक्की में ही रुकने को कहा। वहीं रुपये भेजने की बात कही गई थी। पैसे आने में करीब दो घंटे लग गए। इसी बीच वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान करती हुई एंटी लिकर टास्क फोर्स और एसएसपी की टीम ने धावा बोल दिया।
केबिन में बैठा मिला बीके यादव
ट्रक के केबिन में बीके यादव, सरोज और रामसेवक मिले थे। जब उनसे पूछताछ की गई तो वे टालमटोल करने लगे। ट्रक से जब टीम ने स्प्रिट बरामद की तो दारोगा को हिरासत में लेकर उसका हथियार जब्त कर लिया गया। उससे पूछताछ की गई तो वह हाथ-पैर पकड़कर माफी मांगने लगा। लेकिन, टीम ने एसएसपी को सूचना देते हुए उसे सदर पुलिस के हवाले कर दिया।
मोबाइल जांच में मिले अहम सुराग
बीके यादव के मोबाइल से पुलिस को दर्जनों शराब धंधेबाजों के नंबर मिले हैं। इन सभी की सूची तैयार कर मोतिहारी पुलिस को भेजने की कवायद की जा रही है।