LNMU: मिथिला विश्वविद्यालय में 40 साल से राष्ट्रीय खेल हॉकी का नहीं हुआ आयोजन, सूची में भी नहीं किया गया शामिल
Lalit Narayan Mithila University वर्ष 1980 से राष्ट्रीय खेल हॉकी का इंटर-विश्वविद्यालय स्तर पर नहीं हुआ आयोजन सूची में भी नहीं किया गया शामिल। विश्वविद्यालय खेल विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष इंटर विश्वविद्यालय स्तरीय खेल का किया जाता है आयोजन।
दरभंगा [प्रिंस कुमार]। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में इंटर कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय खेल हॉकी नहीं खेला जाता है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक वर्ष इंटर कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तरीय खेल प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है। विश्वविद्यालय की सूची में 23 तरह के खेल शामिल है। लेकिन, राष्ट्रीय खेल हॉकी इस सूची से गायब है। राष्ट्रीय खेल हॉकी का विश्वविद्यालय द्वारा आयोजन नहीं करवाए जाने से दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, बेगूसराय के संबद्ध और अंगीभूत कॉलेजों के खेल प्रतिभावान छात्र-छात्राओं में मायूसी देखी जाती है। जानकारों की माने तो 1980 के समय विश्वविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय खेल हॉकी का आयोजन किया गया था। उसके बाद से लेकर अब तक राष्ट्रीय खेल का आयोजन विश्वविद्यालय द्वारा नहीं करवाया गया है। इससे खेल प्रेमियों में मायूसी देखी जाती है।
सिर्फ दो बार हुआ है हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष लगभग 1980 में इंटर कॉलेज स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इंटर स्तरीय हॉकी खेल प्रतियोगिता का पहला आयोजन समस्तीपुर और दूसरा कटिहार में आयोजित किया गया था। दोनों हॉकी प्रतियोगिता में सीएम कॉलेज चैंपियन रह था।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेल का गौरवपूर्ण स्थान
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खेल और फिटनेस का महत्व अमूल्य है, यदि हम खेल में भाग लेते है, तो हमारे अंदर टीम के साथ कार्य करने की भावना में वृद्धि होती है। इससे रणनीतिक और विश्लेषणात्मक सोच, नेतृत्व कौशल, लक्ष्य निर्धारण और जोखिम लेने का गुण विकसित होता है। अगर व्यक्ति स्वस्थ और फिट होगा तो वह एक स्वस्थ समाज और मजबूत राष्ट्र का निर्माण करेगा। हमारे राष्ट्र के समग्र विकास के लिए खेल अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है। खेल की आवश्यकता को समझते हुए केंद्र सरकार ने खेलो इंडिया प्रोग्राम को लांच किया है।
भारत सरकार ने बच्चों को खेल से जोड़ने के लिए खेलो इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम को 12 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। खेलों इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार 1756 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना पर कार्य कर रही है, इस कार्यक्रम में छात्रों व खिलाडियों को पंजीकरण करना होता है, जिसके बाद खिलाडियों को अपने खेल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया जाता है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को सरकार उच्च खेल के लिए तैयार करती है, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाता है।
ऐसे होता खिलाड़ियों का चयन
खेलों इंडिया कार्यक्रम में अच्छा प्रदर्शन करने वाले एक हजार खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। इन सभी 1000 खिलाड़ियों को 8 वर्ष तक छात्रवृति प्रदान की जाएगी। प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे। इन सभी खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधा दी जायेगी जिससे वह अपने क्षेत्र में पारंगत हो सके और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का नाम ऊंचाई तक ले जा सकेंगे।
खेलो इंडिया के तहत इन प्रतियोगिताओं में हो सकते शामिल
खेलों इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत 16 खेलों को शामिल किया गया है इसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, मुक्केबाजी, फुटबॉल, जिमनास्टिक्स, हॉकी, जूडो, कबड्डी, खो-खो, शूटिंग, तैराकी, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन और कुश्ती शामिल है।
इस बारे में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के खेल पदाधिकारी प्रो. अजय नाथ झा ने कहा कि वर्ष 1975-80 के समय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा हॉकी खेल का आयोजन करवाया जाता था। इसके बाद से हॉकी खेल के प्रति विद्यार्थियों में कम रुचि के चलते उक्त खेल का आयोजन बंद हो गया।