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दरभंगा के सीएम लॉ कॉलेज का होगा पुनरुद्धार, निरीक्षण को पहुंचे विशेषज्ञ

CM Law College Darbhanga पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम और पीएचडी पाठ्यक्रम लागू करने पर हुई चर्चा। कॉलेज में तीन अतिथि संकाय की नियुक्ति का दिया गया प्रस्ताव। सीएम लॉ कालेज के विकास के लिए निरीक्षण करने पहुंचे विशेष समिति के सदस्य।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 03:39 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 03:39 PM (IST)
दरभंगा के सीएम लॉ कॉलेज का होगा पुनरुद्धार, निरीक्षण को पहुंचे विशेषज्ञ
सीएम लॉ कालेज के विकास के लिए निरीक्षण करते विशेष समिति के सदस्य।

दरभंगा, जासं। सीएम लॉ कालेज का पुनरुद्धार किया जाएगा। इसको लेकर मंगलवार को बनी समिति के विशेषज्ञों ने महाविद्यालय का निरीक्षण किया। विशेषज्ञों ने कॉलेज के पुनरुद्धार के लिए कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह से एलएलबी के लिए विनियमन-अध्यादेश  तीन साल के पाठ्यक्रम, एलएलबी पांच साल के एकीकृत पांच वर्षीय पाठ्यक्रम, एलएलएम  और पीएचडी पाठ्यक्रमों को लागू किए जाने को लेकर चर्चा की। कुलपति ने कहा कि शिक्षण और गैर-शिक्षण स्वीकृत पदों पर चर्चा की गई है। तीन अतिथि संकाय की नियुक्ति के लिए तत्काल विज्ञापन और दो अंशकालिक स्थायी संकाय के नवीकरण का प्रस्ताव लाया गया है। 

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 समिति ने सर्वसम्मति से कहा कि  बीसीआई नियमों के अनुसार कॉलेज के ङ्क्षप्रसिपल इन-चार्ज के रूप में एक स्थायी संकाय की आवश्यकता है। सेमेस्टर प्रणाली की आवश्यकता के अनुसार बीसीआई कानूनी शिक्षा नियम 2008 लागू करने की आवश्यकता है। इसके लिए सिलेबस को मंजूरी दी गई।  बीसीआई के अंतिम संबद्धता पत्र जो  2005 में दिया गया था, के मुताबिक कॉलेज को एक शैक्षिक सत्र में केवल 120 छात्रों का नामांकन सुनिश्चित करना था, इसमें प्रत्येक 60 छात्रों के दो खंड  शामिल थे। 

 समिति ने सत्र 2020-21 के  संबद्धता के लिए आवश्यक सभी  दस्तावेजों के साथ बीसीआई को तत्काल अनुस्मारक भेजे जाने की अनुशंसा की। समिति ने कालेज द्वारा चलाए जा रहे सुभाष चंद्र बोस लीगल एंड सोसाइटी के बदले क्लिनिक तथा लीगल एंड क्लीनिक के  नाम से चलाने वाले की अनुशंसा की है। शैक्षणिक अवसंरचना नियम 15 शेड्यूल तीन के आलोक में पुस्तकालय की खराब स्थिति को देखते हुए लंबाई और चौड़ाई में अपडेट किए जाने की आवश्यकता जताई गई है। 

 इस के लिए समिति ने न्यूनतम दस कंप्यूटर खरीदने और  पुस्तकों की खरीद के लिए लगभग दो लाख रुपये निवेश किए जाने का प्रस्ताव दिया है। शैक्षणिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को ध्यान में रखते हुए मौजूदा पुस्तकालय भवन के उत्तर में स्थित भूमि को अकादमिक ब्लॉक के लिए पांच मंजिला  (जी-फोर ) भवन  निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। मूट कोर्ट के बुनियादी ढांचे को अद्यतन करने की आवश्यकता जताई गई है । संकाय कक्ष में कम से कम आठ  एक्जक्यूटिव कुर्सियां, एक अलमीरा, एक लॉकर और एक एसी की आवश्यकता जताई गई है। वॉशरूम को पुनर्निर्मित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। मौके पर समिति के विशेषज्ञों में संयोजक डॉ. सोनी ङ्क्षसह के प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा की अध्यक्षता में गठित समिति में प्रो. सीपी ङ्क्षसह, डीन फैकल्टी ऑफ लॉ लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉ. सलीम जावेद, पटना विश्वविद्यालय के सहायक प्राचार्य डॉ. सोनी ङ्क्षसह मौजूद थीं।


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