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BRA Bihar University: हंगामा के बीच बिहार विवि में 1122 करोड़ का बजट स्वीकृत

Syndicate meeting in BRA Bihar University सिंडिकेट की बैठक में पिछले वर्ष से 14.43 करोड़ अधिक व्यय के बजट को मिली मंजूरी। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर कुलपति व सिंडिकेट सदस्यों को घेरा सभागार के बाहर धरना पर बैठे।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 02:54 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 09:36 PM (IST)
BRA Bihar University: हंगामा के बीच बिहार विवि में 1122 करोड़ का बजट स्वीकृत
सिंडिकेट बैठक से पहले गेट पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग कुलपति का घेराव करते

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में बुधवार को सिंडिकेट की बैठक में 1122.41 करोड़ के बजट को स्वीकृति मिल गई। यह एकल बजट के मुद्दे को लेकर ही प्रस्तावित थी। हालांकि इसमें सदस्यों ने अन्य मुद्दों को भी उठाया। बैठक के लिए जाने के क्रम में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर हंगामा किया। कुलपति समेत सभी सिंडिकेट सदस्यों को घेरकर कार्यकर्ता सभागार के बाहर धरना पर बैठ गए। कुलपति व सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की ओर से आश्वासन मिलने के बाद धक्का-मुक्की की स्थिति हो गई और पुलिस की मदद से उन्हें हटाया गया। इससे बैठक आधा घंटे विलंब से शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होने पर बजट से इतर परीक्षा, परिणाम व प्रमोशन के मुद्दे भी उठाए गए।

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 सदस्यों ने इसपर सुझाव भी दिया। इसे भी नोट किया गया। कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने बताया कि बजट पर सभी सदस्यों ने अपनी सहमति जताई। अब इसे सरकार को भेजा जाएगा। पिछले वर्ष जहां 1107.98 करोड़ का बजट बना था। वहीं इस बार 14.43 करोड़ अधिक व्यय का बजट तैयार किया गया है। 2021-22 में विभिन्न स्रोतों व सरकार से प्राप्त आय 1107.60 करोड़ आकलित की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह 1092.99 करोड़ ही था। इसकी तुलना में 14.61 करोड़ अधिक लाभ दर्शाया गया है। इस वर्ष आय से 14.81 करोड़ का अधिक व्यय दिखाया गया है। पिछले वर्ष यह खर्च 15 करोड़ अधिक दिखाया गया था। ऐसे में पिछले वर्ष की तुलना में 0.19 करोड़ के कम घाटे का यह बजट प्रस्तुत किया गया। जिसे स्वीकृति मिल गई। 

कुल बजट का 73 फीसद वेतन और पेंशन पर खर्च 

इस वर्ष विवि की ओर से जो बजट तैयार किया गया है उसमें वेतन मद में 339.77 करोड़ और पेंशन मद में 487.89 करोड़ व्यय का प्रावधान है। इस प्रकार कुल 827.67 करोड़ रुपये इसमें खर्च होंगे। जो कुल बजट का 73 फीसद है। अतिथि शिक्षकों के वेतन पर 24 करोड़, भवन संरचना व जीर्णोद्धार पर 21.19 करोड़, कंप्यूटर लैब पर पांच करोड़, तरंग व एकलव्य के लिए 1.04 करोड़ रुपये का बजट का प्रस्ताव है। 

छात्रों के लिए फेलोशिप और स्कॉलरशिप पर 3.83 करोड़ का प्रस्ताव

यूजीसी और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत छात्रों को फेलोशिप और स्कॉलरशिप के लिए 3.83 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज पर 7.63 करोड़ और विवि के कंप्यूटरीकरण पर पांच करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। नैक मूल्यांकन पर 11 करोड़ और यूएमआइएस के लिए 15 करोड़ रुपये की मांग सरकार से की गई है। प्रोन्नत शिक्षकों के वेतन के लिए 37 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय पुस्तकालय के आधुनिकीकरण और नए कोर्स के लिए पांच-पांच करोड़ का बजट प्रस्तावित हुआ है। इसके अलावा छात्र संघ चुनाव, दीक्षा समारोह, एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज, गेस्ट हाउस, विवि प्रेस, हॉस्टल, इलेक्ट्रॉनिक विभाग, लाइब्रेरी आदि के लिए बजट का प्रावधान है। 

पीजी विभागाध्यक्षों के खाली पदों का भी उठा मुद्दा

बैठक में विभिन्न पीजी विभागों में महीनों से खाली पड़े अध्यक्ष और प्रभार में चल रहे कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति का भी मुद्दा उठाया गया। सिंडिकेट सदस्य डॉ.धनंजय सिंह ने परीक्षाओं और इसके पेंडिंग रिजल्ट का मुद्दा उठाया। वहीं ऑनलाइन नामांकन को लेकर भी खर्च पर विवि से पूछा गया। प्रो. शिवानंद सिंह ने कहा कि सेलेक्शन कमेटी की ओर से जिन विषयों के शिक्षकों को प्रमोशन के लिए अनुशंसित कर दिया है। उसपर मुहर लगाई जाए। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो.रवींद्र कुमार, कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर, डॉ.हरेंद्र कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ.अभय कुमार सिंह, प्रॉक्टर डॉ.राकेश कुमार सिंह सहित सभी सिंडिकेट सदस्य मौजूद थे। 


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