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अभिनेता सुशांत सिंह मौत मामले में संजय लीला भंसाली, एकता कपूर समेत चार आरोपितों के अधिवक्ता कोर्ट में हुए उपस्थित

Sushant Singh Rajput Death Case सुधीर कुमार ओझा के पुनरीक्षण वाद पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इसमें परिवाद में आरोपित किए गए फ़िल्म निर्माता संजय लीला भंसाली एकता कपूर भूषण कुमार व साजिद नाडियावाल के अधिवक्ता स्थानीय कोर्ट में उपस्थित हुए।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 10:10 AM (IST)
अभिनेता सुशांत सिंह मौत मामले में संजय लीला भंसाली, एकता कपूर समेत चार आरोपितों के अधिवक्ता कोर्ट में हुए उपस्थित
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फाइल फोटो (जागरण आर्काइव)

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की साजिश के आरोप को लेकर दायर परिवाद पर मुज़फ्फरपुर कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें परिवाद में आरोपित किए गए फ़िल्म निर्माता संजय लीला भंसाली, एकता कपूर, भूषण कुमार व साजिद नाडियावाल के अधिवक्ता स्थानीय कोर्ट में उपस्थित हुए। सुनवाई के बाद एडीजे कोर्ट ने नौ दिसंबर को अगली सुनवाई की तिथि तय किया है।

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इससे पहले आदित्य चोपड़ा व सलमान के अधिवक्ता कोर्ट में हो चुके पेश

इससे पहले 6 नवंबर को पुनरीक्षण वाद की सुनवाई में मामले में आरोपित फिल्म निर्माता निर्देशक आदित्य चोपड़ा की ओर से उनके अधिवक्ता काेर्ट में उपस्थित हुए थे। उन्होंने एडीजे-एक के कोर्ट के समक्ष वकालतनामा भी पेश किया। वहीं इससे पहले आरोपित सलमान खान की ओर से उनके अधिवक्ता कोर्ट में पेश हो चुके हैं। 

यह है मामला 

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की मामले को लेकर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने 17 जून को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी(सीजेएम) मुकेश कुमार के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। इसमें फिल्म निर्माता निर्देशक करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिदोनाडियावाला, संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, एकता कपूर, दिनेश विजायन व अभिनेता सलमान खान को आरोपित बनाया था। इन सभी के खिलाफ सुशांत सिंह को प्रताड़ित करने व खुदकशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।

 परिवाद की सुनवाई के बाद सीजेएम मुकेश कुमार ने इसे अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए आठ जुलाई को इसे खारिज कर दिया था। सीजेएम के इसी आदेश के खिलाफ अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने जिला जज के कोर्ट में 14 अगस्त काे पुनरीक्षणवाद दाखिल किया था। जिला जज ने सुनवाई के लिए एडीजे-एक राकेश कुमार मालवीय के कोर्ट में इस पुनरीक्षणवाद को स्थानांतरित कर दिया था।


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