Valmiki Tiger Reserve: बड़ी संख्या में वीटीआर पहुंच रहे पर्यटक, जंगल सफारी का ले रहे मजा
Jungle Safari in Valmiki Tiger Reserve सर्दी के बावजूद भी वीटीआर में सैलानियों की उमड़ रही भीड़। कोरोना नियमों का वन विभाग करा रहा पालन। एक अनुमान के अनुसार नए पर्यटन सत्र में अब तक 25 हजार तक पर्यटक आ चुके हैं।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सर्दी के मौसम में सैलानियों की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ रही है। एक अनुमान के अनुसार नए पर्यटन सत्र में अब तक 25 हजार तक पर्यटक आ चुके हैं। वीटीआर के जंगलों में जिप्सियों एवं कैंटर में सवार होकर जंगल सफारी पर जाने वाले अधिकतर सैलानियों को वनराज के दर्शन हो रहे हैं। इसमें सैलानी बाघ देखकर काफी रोमांचित हो रहे हैं। साथ ही अन्य वन्य जीवों को देखकर भी सैलानी काफी उत्साहित हैं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सघन मनमोहक वन में बाघ, तेंदुआ, गैंडा, हाथी, भालू, चीतल, सांभर, मगरमच्छ, व बारहसिंगा आदि स्वच्छंद विचरण करते हैं। इसीलिए वीटीआर के दर्शन की आस लिए बड़ी संख्या में सैलानी यहां आते हैं ।
हालांकि जंगली इलाकों में इन दिनों सर्दी बढऩे लगी है। सर्दी के बावजूद भी वीटीआर में सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। पर्यटक नेचर गाइडों के साथ पार्क के अन्दरूनी इलाके में घूमने जा रहे हैं। वीटीआर के घने जंगल सूरज की रोशनी के लिए और इंतजार करा रहे हैं । पर्यटकों की सुविधा को साथ मौजूद रहने वाले नेचर गाइड वीटीआर के रोमांच और नई-पुरानी कहानियों से सबको रूबरू करा रहे हैं।
सर्दी में बदल गई जानवरों की लाइफस्टाइल
सर्दियों के मौसम में वीटीआर के जानवरों की लाइफ स्टाइल भी बदल गई है। घने जंगलों के बीच रह रहे जानवर सर्दियों की धूप खाने बाहर निकल रहे हैं। वीटीआर से सटे गंडक नदी के जलाशय के बाहर तमाम मगरमच्छ आराम फरमाते हुए देखे जा सकते हैं। इसी जलाशय के आस पास बारहङ्क्षसघों के झुंड भी निकल पड़ते हैं। और उसके शिकार के लिए बाघ अक्सर आते हैं। सर्दियां आते ही जानवर अपने लिए गर्म आशियाना तलाश करने में दिन भर भटकते हैं। रात के वक्त इनको डिस्टर्ब करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए जंगल सफारी सिर्फ दिन के उजाले में ही की जाती है।
मौसम
नवंबर से फरवरी तक यहां का अधिकतम तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम 4 से 8 डिग्री सेल्सियस रहने से सुबह कोहरा और रातें ठंडी होती हैं
मार्च से मई अधिकतम 30 से 35 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 25 डिग्री तापमान।
बिहार का स्वर्ग है वीटीआर
वीटीआर बिहार का स्वर्ग है। गंडक बराज के जलाशय में हर साल साइबेरियन पक्षियों का डेरा रहता है। इन दिनों सुरखाल, पेंटल, लालसर व नीलसर साइबेरियन पक्षी यहां आ पहुंचे हैं। यहां बाघ को देखने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं।
वीटीआर प्रशासन को उम्मीद है कि इस पर्यटन सत्र में अच्छा राजस्व प्राप्त होगा। वीटीआर प्रशासन अपने कोशिशों में कामयाब होता नजर आ रहा है । इस बाबत सीएफ हेमकांत राय ने बताया कि सैलानी अतिथि हैं और उनकी हर सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है।वीटीआर में कोरोना संकट के बीच ईको टूरिज्म को पूरे एहतियात और सुरक्षा के साथ सुचारू करने की कवायद शुरू की गई है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए तमाम सावधानियों के साथ में ईको टुरिज्म शुरू किया गया है । वह सभी एहतियात जो कि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है, जंगल सफारी के दौरान बरते जा रहे हैं । जंगल सफारी के दौरान फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग पर खास ख्याल रखा जा रहा है । पर्यटन के दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है कि कोई भी ऐसा पर्यटक जो कि संभावित कोरोना संक्रमित हो सकता है उसे एंट्री ना दी जाए।