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पश्चिम चंपारण के इस अस्पताल में नहीं मिलता पीने को शुद्ध पानी, परिसर में कीचड़ के अंबार से रहता संक्रमण का खतरा

West Champaran News पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में पेयजल के लिए भी मरीज और उनके स्वजन भटकते रहते हैं। चापाकल और आरओ मशीन के खराब रहने से है भारी परेशानी। परिसर में कीचड़ से फिसलकर चेटिल होने की रहती आशंका।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 05:53 PM (IST)
पश्चिम चंपारण के इस अस्पताल में नहीं मिलता पीने को शुद्ध पानी, परिसर में कीचड़ के अंबार से रहता संक्रमण का खतरा
पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में अनुमंडल अस्पताल

पश्चिम चंपारण, [सुधाकर कुमार मिश्र]। पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल परिसर में मरीजों को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहींं है। यहं का चापाकल अक्सर खराब ही रहता है। आरओ के भी खराब रहने से मरीजों को शुद्ध पेय जल के लिए इधर- उधर भटकना पड़ता है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिए अस्पताल के भीतर प्रसव कक्ष के पास वाटर फिल्टर मशीन (आरओ) तो लगा है, लेकिन इसके खराब रहने से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को शुद्ध पानी की तलाश में अस्पताल परिसर से बाहर भटकना पड़ता है। हलांकि पहले भी चापाकल खराब रहने से आरओ का लाभ सुदूर गांव से पहुंचने वाले अधिकांश बुजुर्ग महिला व पुरुषों को नहीं मिलता था। ऐसे मरीजों व उनके परिजनों को तो आरओ का मतलब भी नहीं मालूम। ऐसे में वे बाहर परिसर में चापाकल ढूंढते रहते है। कई महीनों से खराब चापाकल कि मरम्मत कराई गई है। लेकिन वह भी कितना दिन चलेगा इसको लेकर स्थानीय लोगों में चर्चा है।

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मरीजों को आरओ मशीन का पता नहीं

अस्पताल में लगाई गई आरओ मशीन से मरीजों और उनके परिजनों की कितनी प्यास बुझती थी, इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। आरओ एक कमरे के अंदर और दूसरा प्रसव कक्ष के सामने लगे होने के बावजूद कई मरीजों को उसका पता नहीं होता कि यह शुद्ध पानी देने वाली मशीन है। अमूमन लोग यही समझते हैं कि यह अस्पताल का कोई अन्य यंत्र है। इसका कारण यह भी कि वहां कुछ लिखा भी नहीं गया है और न तो कोई पेयजल का संकेत है। सरकारी अस्पताल में अधिकतर कम पढ़े लिखे, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचने वाले बुजुर्ग महिला एवं पुरुष ही होते हैं। उन्हें इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा। हालांकि शिक्षित लोगों और अस्पताल कर्मियों को इस आरओ का लाभ जरूर मिलता था। लेकिन जिन्हें इसकी जानकारी नहीं वो लोग तो परिसर में इधर उधर भटकने लगते हैं।

शेड नहीं होने से परेशानी

दवा काउंटर व पर्ची काउंटर पर शेड नहीं होने पर बारिश के दिनों में मरीजों को दवा लेने व पर्ची कटाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पडता है। शेड नहीं होने से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों व उनके परिजनों को भींगते हुए दवा व पर्ची कटानी पड़ती है। 

फिसलकर चेटिल होने की रहती आशंका

अस्पताल परिसर में बारिश के दिनों में जलजमाव और फैले कीचड़ से पहुंचने वाले मरीजों और उनके स्वजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और उनके स्वजनों को परिसर में लगे जलजमाव और फैले कीचड़ के रास्ते दवा और पर्ची कटाने जाना पड़ता है। इस कड़ी में कीचड़ में संतुलन बिगड़ जाने और पैर फिसल जाने से दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

मैकेनिक को दी सूचना

हेल्थ मैनेजर रवि सिंह ने बताया कि अस्पताल परिसर में लगे खराब चापाकल की मरम्मत करा दी गई है आरओ की मरम्मत के लिए मैकेनिक को सूचना दी गई है। बहुत जल्द इस समस्या से निजात मिल जाएगी।


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