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AES in Muzaffarpur : एईएस से बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से होने जा रही यह व्यवस्था, जानिए

AES in Muzaffarpur अब बच्चों को मिलेगा पौष्टिक आहार। राहत कमेटी की बैठक में लिया गया फैसला प्रभावित इलाके में बंटेंगे पैकेट।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 08:26 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 08:26 AM (IST)
AES in Muzaffarpur : एईएस से बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से होने जा रही यह व्यवस्था, जानिए
AES in Muzaffarpur : एईएस से बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से होने जा रही यह व्यवस्था, जानिए

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गर्मी में बच्चों के लिए काल बनकर आने वाली एईएस बीमारी के अब तक जो कारण सामने आए उसमें रात में भूखे पेट सोने वाले बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसको लेकर लगातार हर स्तर से जिलाधिकारी को सुझाव भी आ रहे हैं। इस सुझाव को अब जमीनी रूप देने के लिए मंगलवार को जिला राहत कमेटी की बैठक नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में निगम कार्यालय में हुई।

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सूखा पौष्टिक अनाज व ग्लूकोज दिए गए

डीएम की ओर से गठित कमेटी ने एईएस के प्रकोप से बच्चों को बचाने के लिए उनके बीच सूखा पौष्टिक अनाज व ग्लूकोज आदि के पैकेट वितरित करने पर सहमत हुई। डीएम के निर्देश पर इसके लिए लोगों से मदद की अपील करने का निर्णय लिया गया।

12 हजार से ज्यादा पैकेट वितरण का लक्ष्य

बैठक में शामिल रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव उदय शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले में 12 हजार से ज्यादा पैकेट वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए गुड़, सत्तू, मूंगफली, बिस्किट, ग्लूकोज सहित अन्य सामान एकत्र किए जाएंगे। एक विशेष पौष्टिक पैकेट पर 450 रुपये खर्च आने की संभावना है। जनसहयोग से मिली सामाग्री रेडक्रॉस में संग्रह कर उसका वितरण एईएस से प्रभावित प्रखंडों में जरूरतमंद बच्चों के बीच किया जाएगा।

मील का पत्थर साबित होगा कदम

सांसद अजय निषाद ने कहा कि जिलाधिकारी का यह कदम आने वाले दिन में एईएस से बचाव के मील का पत्थर साबित होगा। इस बीमारी से गांव के अधिकतर गरीब परिवार के बच्चे मर रहे हैं। इसलिए मिड-डे मील की तर्ज पर शाम में सामूहिक भोजन कराया जाए, ताकि कोई बच्चा भूखे ने सोए। इस तरह का सुझाव वह लगातार सरकार व प्रशासन को देते रहे हैं।

शाम में खाने का इंतजाम

हाल में जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह के सामने सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने भी कई बार सुझाव दिया था कि शत-प्रतिशत टीकाकरण के बाद शाम में खाने का इंतजाम होना चाहिए। जिलाधिकारी इस पर गंभीर हैं। चमकी पर चर्चा अभियान के बाद अब पौष्टिक पैकेट वितरण की योजना से बच्चों को बीमारी से बचाने में मदद मिलेगी।  


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