लाभकारी के साथ नवीनतम होना चाहिए शोध
मुजफ्फरपुर अनुसंधान समाज के लिए लाभकारी होने के साथ नवीनतम होना चाहिए।
मुजफ्फरपुर : अनुसंधान समाज के लिए लाभकारी होने के साथ नवीनतम होना चाहिए। इसमें दोहराव नहीं होना चाहिए। त्रिस्तरीय जांच से गुजर कर जो शिखर तक पहुंचते हैं, असल मायने में वे शोधकर्ता होते हैं। आधारभूत संरचना भी काफी मायने रखता है। शिक्षकों के प्रखर नहीं होने से शोधकर्ता को जो फायदा होना चाहिए वह नहीं हो पाता। उक्त बातें महात्मा गाधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति डॉ. प्रो. गिरिश्वर मिश्र ने कही। वे बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की ओर से रिसर्च मेथॉडोलॉजी पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सेमिनार हॉल में हुई। प्रो. मिश्र ने कहा कि सीखने के साथ सतत अध्ययन करने की जरूरत है। अध्यक्षता बीआरएबीयू के कुलपति प्रो. राजकुमार मंडल ने की। उन्होंने जल-जीवन-हरियाली की प्रशंसा करते हुए पौधारोपण पर जोर दिया। कहा एक मनुष्य को कम से कम आठ पौधे लगाना चाहिए।
हैप्पीनेस जीवन का सार : प्रो रत्न
रॉयल कॉलेज ऑफ भुटान के एसोसिएट प्रो. डॉ. रजनीश रत्न ने हैप्पीनेस को जीवन का सार बताया। अर्थ व्यवस्था के युग में लोग खुश रहना भूल गए हैं। तनाव हमारे जीवन को बर्बाद कर रहा। तनाव के कारण कोई कार्य सिद्ध नहीं रहा। उन्होंने भूटान का उदाहरण देकर कहा कि, हमारे यहां सबसे पहले खुश रहना सिखाया जाता है। इससे जीवन में निखार आता है। वहां की आर्थिक स्थिति भी अच्छी है। शोधकर्ता के साथ शोध निदेशक भी विद्वान के श्रेणी में अग्रणी रहते हैं। अनुसंधानकर्ता को किन-किन बातों पर ध्यान रखना चाहिए, उसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रतिभागियों को अनुसंधान कार्य में रोचकता लाने संबंधी महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया। डॉ. जयमंगल देव ने गुणात्मक अनुसंधान पर बल दिया। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी हुआ। प्रोजेक्ट के माध्यम से गुणात्मक अनुसंधान के टिप्स दिए गए। बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के डॉ. इंतखाबूर ने शोध कार्य पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में डॉ. उपेंद्र भक्त, आयोजन सचिव प्राध्यापक मणिकेश कुमार, डॉ. रत्नेश मिश्र, लोजपा विश्वविद्यालय अध्यक्ष गोल्डेन सिंह की सक्रियता रही। विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक एवं छात्रों समेत करीब साढ़े चार सौ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।