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मेहनत और दृढ़ निश्चय का दूसरा कोई विकल्प नहीं : गोपाल

मुजफ्फरपुर इंस्टीयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) में टेकमिति-2020 के दूसरे दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 12:59 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:14 AM (IST)
मेहनत और दृढ़ निश्चय का दूसरा कोई विकल्प नहीं : गोपाल
मेहनत और दृढ़ निश्चय का दूसरा कोई विकल्प नहीं : गोपाल

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) में टेकमिति-2020 के दूसरे दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पहले सत्र में युवा वैज्ञानिक गोपाल जी ने विद्यार्थियों को मोटिवेट किया। कहा कि शोध पर ध्यान दें और विषय वस्तु का गहन अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि अपने लिए हमेशा जीते हैं कभी दूसरे के लिए जीकर देखें इससे जो सुकून मिलेगा वह ताउम्र यादगार होगा। उन्होंने कहा कि लगन और परिश्रम का दूसरा कोई विकल्प नहीं है। बता दें कि वैज्ञानिक गोपाल ने 17 वर्ष की आयु में केले के पत्ते ये बिजली का उत्पादन कर दिया था। उन्हें नासा ने भी ऑफर किया था, लेकिन उन्होंने देश में रहकर ही सेवा करने की ठानी। इसके बाद विभिन्न कॉलेज से आए इंजीनियरिग के छात्र-छात्राओं के लिए प्रश्नावली सत्र का आयोजन हुआ। पहले राउंड में करीब 200 विद्यार्थी चयनित हुए जबकि, सेकेंड राउंड के लिए 100 विद्यार्थी चयनित हुए। ई.संजीव कुमार सिंह ने टॉक शो में विद्यार्थियों को वर्तमान समस्याओं और उसके समाधानों के बारे में बताया। साथ ही विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। बाइक स्टंट देख रोमांचित हुए छात्र-छात्राएं : क टीएम बाइक को लेकर स्टंट टीम आ चुकी थी और दर्शकों में उत्सुकता भी थी, लेकिन बारिश के कारण एक बार तो लगा कि स्टंट शो मुश्किल है, लेकिन बारिश जैसे ही छूटी जयपुर से आए टोनी और शोकार्स की जोड़ी से अपने करतब से ऐसा उत्साह भरा कि सभी छात्र-छात्राएं रोमांचित हो उठे। कभी दोनों पैर को हवा में लहराते तो कभी बाइक पर खड़े होकर कलाबाजियां दिखाते, कभी बाइक का अगला हिस्सा हवा में होता तो कभी पीछे का हिस्सा और पूरा बाइक हवा में लहरा जाता इसपर दर्शकों का शोर गूंजने लगता। दोनों ने मिलकर करीब दो घंटे तक दर्शकों का मनोरंजन किया। साइंस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए स्मार्ट मॉडल :

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एमआइटी में साइंस प्रदर्शनी में 14 स्कूल के 45 छात्र-छात्राओं ने तकनीक का प्रदर्शन किया। किसी ने वेस्ट मेटेरियल की मदद से कुलर बनाया तो किसी ने दुर्घटना के समय पुलिस, एंबुलेंस और पैरेंट्स को अलर्ट करने को लेकर एक्सीडेंट अलार्म सिस्टम बनाकर अपनी प्रतिभा से सबको चकित कर दिया। निर्णायक मंडल ने सभी बच्चों की प्रतिभाओं को परखने के बाद तीन सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन किया। इसमें प्रथम स्थान पर डीएवी मालीघाट के अमन गुप्ता ने वेस्ट मेटेरियल से रोबोट का निर्माण कर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर एआर इंटरनेशनल स्कूल रहा। इस स्कूल की शीतल कुमारी ने वेस्ट मेटेरियल का प्रयोग कर साइंस मॉडल कूलर बनाया। वहीं डीएवी खबड़ा के श्रेयस, आदित्य और आकाश के प्रोजेक्ट को तीसरा स्थान मिला। अन्य स्कूल के बच्चों ने भी पानी को स्टोर करने की तकनीक और वेस्ट मेनेजमेंट पर अपनी प्रस्तुति से सबको आकर्षित किया। प्रथम विजेता को पांच हजार, द्वितीय को तीन हजार और तृतीय विजेता को दो हजार रुपये दिए जाएंगे।


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