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समाहरणालय की सभी शाखाओं में बायोमीट्रिक से बनेगी हाजिरी, जानें नई व्यवस्था के बारे में Muzaffarpur News

औचक जांच में समय से कर्मियों के कार्यालय नहीं आने की शिकायत पर डीएम ने लिया संज्ञान। सभी शाखाओं के प्रभारियों को चार दिनों में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने के दिए निर्देश।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 03:01 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 03:01 PM (IST)
समाहरणालय की सभी शाखाओं में बायोमीट्रिक से बनेगी हाजिरी, जानें नई व्यवस्था के बारे में Muzaffarpur News
समाहरणालय की सभी शाखाओं में बायोमीट्रिक से बनेगी हाजिरी, जानें नई व्यवस्था के बारे में Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। समाहरणालय में कार्यालय आने व जाने में कर्मियों की मनमर्जी नहीं चलेगी। सभी कर्मियों को समय पर कार्यालय आना पड़ेगा। पहले रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर हाजिरी बनाने वाले कर्मी किसी भी समय आकर उपस्थिति बना लेते थे। लेकिन, इस सिस्टम से अब हाजिरी नहीं बनेगी।

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जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को औचक जांच में बड़े पैमाने पर कर्मियों के समय पर कार्यालय नहीं आने की शिकायत के बाद मामले में संज्ञान लिया है। उन्होंने सभी शाखाओं के वरीय प्रभारियों को चार दिनों के भीतर बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। सिस्टम लगने के बाद सभी कर्मियों को सुबह 10 बजे कार्यालय आना होगा और बायोमीट्रिक हाजिरी बनानी होगी।  

औषधि विभाग की जांच मेंं 11 चिकित्सक मिले अनुपस्थित

एसकेएमसीएच में कार्य से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों की अब खैर नही। कार्य से अक्सर भागे रहने वाले चिकित्सकों को लगातार चेतावनी के बावजूद उनकी आदत में सुधार नहीं आने की सूचना पर प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने अब अपना तेवर कड़ा कर दिया है। इसके तहत सोमवार को उन्होंने औषधि विभाग के चिकित्सकों की उपस्थिति की औचक जांच की। उन्होंने चिकित्सकों (इंटर्न से प्राध्यापक तक) को प्राचार्य प्रकोष्ठ में बुलाया। इसमें औषधि विभाग के 26 चिकित्सकों में 11 अनुपस्थित मिले। इनमें कई चिकित्सकों की उपस्थिति पंजी में हाजिरी भी बनी पाई गई। प्राचार्य ने बताया कि इसका मिलान मंगलवार को किया जाएगा। साथ ही अनुपस्थित चिकित्सकों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। इसके पश्चात इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी जाएगी।

वहीं प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने उपस्थित चिकित्सकों के साथ बैठक कर अपने कार्य को निष्ठा पूर्वक करने का निर्देश दिया। उन्होंने चिकित्सकों से स्पष्ट बताया कि इस संस्थान के कार्य से ही उनकी पहचान है। उन्होंने चिकित्सकों से उनके कार्यो के लॉग बुक की भी मांग की। इसे कोई चिकित्सक उपलब्ध नहीं करा सके। इसपर प्राचार्य ने गहरी नाराजगी जताते हुए इसे तैयार करने को कहा। 

 

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