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बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश, हमेशा सामाजिक और आर्थिक विषमता दूर करने के लिए हमेशा समर्पित रहे वशिष्ठ बाबू

आजादी व समाजवाद की लड़ाई में कर्पूरी के रहे परम सहयोगी। अभी अपराध भ्रष्टाचार महंगाई का है बोलवाला।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 01:21 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 01:21 PM (IST)
बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश, हमेशा सामाजिक और आर्थिक विषमता दूर करने के लिए हमेशा समर्पित रहे वशिष्ठ बाबू
बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश, हमेशा सामाजिक और आर्थिक विषमता दूर करने के लिए हमेशा समर्पित रहे वशिष्ठ बाबू

समस्तीपुर, जेएनएन। वशिष्ठ बाबू स्वतंत्रता की लड़ाई के बाद आजाद भारत में सामाजिक विषमता को देख समाजवादी आंदोलन को मजबूत करने की लड़ाई में कर्पूरी ठाकुर के अभिन्न सहयोगी रहे। सामाजिक, आर्थिक विषमता को दूर करना हीं उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने सोमवार की संध्या वशिष्ठ आश्रम में उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित संकल्प सभा को संबोधित करते हुए कहीं।

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लोकतंत्र में वोट का राज

वर्तमान सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अभी भ्रष्टाचार, अपराध व महंगाई चरम पर है। प्रधानमंत्री ने दो करोड़ नौकरी के वादे को भूलते हुए सभी विभागों मे छंटनी हीं शुरू करवा दी। जबकि, देश में जबतक बेरोजगारी रहेगी तबतक गरीबी दूर नही हो सकती। महागठबंधन में नेतृत्व के मुद्दे पर लोकतंत्र में वोट का राज बताते हुए तेजस्वी को सर्वमान्य नेता बताया।

अध्यक्षता राजद प्रखंड अध्यक्ष अमरजीत चौधरी ने की। संचालन राकेश कुमार राय ने किया । समारोह को पूूूर्व विधान पार्षद रोमा भारती, अरूणेश प्रताप, फैजुजर रहमान फैज, मुुुनेेश्वर ङ्क्षसह, नगर परिषद अध्यक्ष तारकेेश्वर नाथ, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सहनी, नवीन कुमार ङ्क्षसह, उर्मिला सिन्हा, दिनेश्वर राय, अरङ्क्षवद महतो, सौरव ङ्क्षसह बाबूल, विकास भगत, श्रीधर राय, मदन राय, नागेश्वर राय, पवन राय, ललन यादव, नागमणी, दिलीप राय, आफताब आलम, मो सद्दाम, श्याम राय, मो नेयाज, नन्नू सहनी, अशोक यादव, संतोष राय, मुुखिया रामदयाल राय, देवेंद्र ङ्क्षसह महोविया, रामनंदन राय, चंदेश्वर राम, सुधीर कुमार ङ्क्षसह, बबलू कुमार आदि ने संबोधित किया ।

कर्पूरी जी को सामिष बनाया वशिष्ठ बाबू ने

पुराने दिनों की यादें ताजा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दोनों व्यक्ति समाजवाद की लड़ाई में दरभंगा जेल मे बंद थे। 28 दिनों तक अनशन करने के कारण कर्पूरीजी की तबीयत बिगडऩे पर डाक्टर की सलाह पर इन्होंने कर्पूरीजी को सामिष बना दिया। इस कारण दोनों व्यक्ति में एक माह तक वार्ता नहीं हुई थी।  


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