बिहार विवि के परीक्षा विभाग में बिना पहचान पत्र के प्रवेश पर लगेगी रोक Muzaffarpur News
विवि में सक्रिय बिचौलिया के पास टीआर बरामद होने के बाद कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को जांच के दिए आदेश।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विवि में स्नातक पार्ट टू का रिजल्ट सुधरवाने के लिए पांच सौ रुपये ठगी करने करने वाले बिचौलिए को पुलिस ने जेल भेज दिया है। वहीं, विवि के कुलपति ने कहा कि पूरे मामले में जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक से विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। कहा कि अब बिना पहचान पत्र के कोई कर्मी व छात्र परीक्षा विभाग में नहीं जाएगा।
यहां बता दें कि शनिवार को बरूराज निवासी छोटू कुमार व उसके भाई ने विवि में उस बिचौलिया को पकड़ लिया, जिसने स्नातक पार्ट टू के रिजल्ट को सुधारने के लिए उनसे 500 रुपये लिए थे। उसके पास से विवि का टीआर भी बरामद हुआ था।
प्राथमिकी में कहा गया कि एक सप्ताह पूर्व उसने अपनी बहन प्रियंका के नाम सुधारने के नाम पर पांच सौ रुपये ले लिए थे। लेकिन उसने काम नहीं कराया।
विवि में रिजल्ट से लेकर डिग्री दिलाने तक का रैकेट सालों से सक्रिय है। ये रैकेट मोतिहारी, बेतिया, सीतामढ़ी आदि से आने वाले छात्र छात्राओं पर नजर रखते हैं। स्टेशन से लेकर विवि परिसर तक में बिचौलिए ताक में रहते हैं और जरूरतमंद छात्रों व अभिभावकों से काम कराने के नाम पर आर्थिक दोहन करते हैं। बरूराज निवासी छोटू कुमार उर्फ सुमन कुमार ने अपनी प्राथमिकी में यही कहानी दोहराई है।
विनोद कुमार नामक एक अजनबी आदमी ने छोटू कुमार को अपना परिचय विवि कर्मी के रूप में दिया और दो दिन में नाम सुधारने का दावा किया। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। शनिवार को जब वह मिला तो उसे दोनों भाइयों ने पकड़ लिया।
सवाल पहचान पत्र न होने का
विश्वविद्यालय में तमाम बार नियम बना कि कर्मी से लेकर छात्र तक को पहचान पत्र लेकर आना है। लेकिन, ऐसा नहीं होता है। बिना पहचान पत्र होने के कारण ही बिचौलिया अपने को विवि कर्मी बता कर दलाली कर रहा था।
इस बारे में बीआरए बिहार विवि,मुजफ्फरपुर के कुलपति डॉ. आर.के. मंडल ने कहा कि शनिवार की घटना को लेकर विवि प्रशासन बेहद गंभीर है। पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट बनाने का निर्देश परीक्षा नियंत्रक को दिया है। जल्दी ही विवि में बिना पहचान पत्र के प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी।