बड़ा खुलासा: जम्मू-कश्मीर के आतंकियों की मदद के लिए नेपाल में नेटवर्क मजबूत कर रही ISI
नेपान में आइएसआइ आतंकियों को मदद देताी रही है लेकिन इसके कश्मीर कनेक्शन का पहली बर खुलासा हुआ है। इसे लेकर जांच एजेंसियां व सुरक्षा बल सतर्क हैं।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ भारत में अपना जाल फैलाने और गुर्गों को चिह्नित ठिकानों तक पहुंचाने की फिराक में है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, आइएसआइ ने कश्मीर के आतंकियों की मदद के लिए नेपाल में नेटवर्क तैयार किया है। मार्च और अप्रैल में कश्मीर के छह आतंकियों ने अलग-अलग टुकडिय़ों में नेपाल का दौरा किया था, जहां उनकी मुलाकात हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलरों से हुई थी। पुलवामा हमले की जांच के दौरान भी घाटी के आतंकियों के नेपाल कनेक्शन की बात सामने आई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल में मौजूद लश्कर-ए-तोएबा का हैंडलर मोहम्मद उमर मंडी सीमावर्ती भारतीय शहर गोरखपुर, फैजाबाद, दरभंगा, सीतामढ़ी और रक्सौल में अपना ठिकाना मजबूत करने के प्रयास में है। इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्र के धार्मिक स्थलों और किसी खास समुदाय की बस्ती में पैठ बनाने के चक्कर में है। मंडी ने पिछले दिनों कोलकाता का भी दौरा किया था।
उधर, खुफिया एजेंसी की तरफ से गृह मंत्रालय को सौंपी गई ताजा रिपोर्ट में जिक्र है कि पुलवामा हमले के बाद नेपाल से 10 आतंकियों ने घाटी में प्रवेश किया। हालांकि, इस नेटवर्क को तोडऩे में भारत और नेपाल की एजेंसियां साझा ऑपरेशन में जुटी हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो कश्मीर में सैन्य कार्रवाई में मारे गए पुलवामा हमले से जुड़े आतंकी साजिद बट और तौसिफ बट का सुराग आइएसआइ के इसी नेपाली नेटवर्क में मौजूद अपनी सुरक्षा एजेंसियों को मिला था।
नेपाल में आइएसआइ समर्थित आतंकी तंत्र बहुत पहले से काम कर रहा है। लेकिन, उसके कश्मीर कनेक्शन की जानकारी पहली बार मिली है। अधिकारियों के मुताबिक, नियंत्रण रेखा अंतरराष्ट्रीय सीमा और घाटी के भीतर सुरक्षा बलों की सख्ती से आइएसआइ ने भारत-नेपाल के खुले बॉर्डर को नया व सुगम मार्ग के रूप में चुना है। घाटी में आतंकियों और टेरर फंङ्क्षडग पर अंकुश की सूरत में नेपाल से धन, विस्फोटक और आइइडी मुहैया कराए की भी सूचना है। इसके प्रमाण के आधार पर आइबी, रॉ, एएनआइ ने वैज्ञानिक तरीके से जांच शुरू कर दी है। संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
चंपारण रेंज ( बेतिया) के डीआइजी ललन मोहन प्रसाद ने कहा कि यह आंतरिक सुरक्षा का मामला है। संदिग्धों गतिविधियों पर पुलिस कड़ी नजर रखे हुए है।