36 साल बाद दोस्तों से पहले गले मिले फिर लगे हंसी-ठहाके Muzaffarpur News
जिला स्कूल के 1983 बैच के छात्रों की एक मंच पर मिलकर ताजा हुईं यादें। इसी बैच के सांसद अजय निषाद पुराने दोस्तों से मिलकर हुए उत्साहित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। 36 साल बाद अपने को पुराने दोस्तों के बीच पाकर पहले गले मिले और फिर हंसी के ठहाके छूटे। एक मंच पर मिलकर पुरानी यादें ताजा हुईं। मौका था पार्क होटल में दोस्त मिलन समारोह का। जिला स्कूल के 1983 बैच के काफी छात्र देश व विदेश के विभिन्न हिस्सों में नौकरी या कोई व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। इसी बैच के मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद भी हैं। अपने दोस्तों के बीच पाकर वह फूले नहीं समा रहे थे। सांसद ने बताया कि जिला स्कूल के प्राचार्य जयदेव झा इतने सख्त थे कि पढ़ाई के सिवा कहीं हिलने तक नहीं देते थे। छड़ी लेकर सिनेमा हॉल तक पहुंच जाते थे।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक व पार्क होटल के संचालक पूर्व पार्षद रंजन कुमार ने बताया कि जिला स्कूल में उस वक्त पैदल चलकर जाते थे। उस समय प्राइवेट स्कूल नहीं थे। यहां की पढ़ाई इतनी अच्छी थी कि टेस्ट के माध्यम से दाखिला होता था। दस हजार बच्चों में मात्र 50 बच्चे ही टेस्ट में निकले थे। उस समय के शिक्षक देवेंद्र पांडेय को ट्रेनिंग के लिए इंग्लैंड भेजा गया था। वहां से प्रशिक्षण लेकर लौटे तो उनकी पढ़ाने की शैली ही बदल गई।
यहां के ट्रेजरी ऑफिसर मनोज कुमार भी उसी बैच के हैं। कहा कि स्कूलिंग लाइफ का वह गोल्डन पीरियड था। जब एक साथ सिनेमा देखने से लेकर क्रिकेट तक खेलते थे। डॉ. दुर्गा शंकर ने बताया कि वह दिन कभी भूल नहीं सकते जब दोस्तों के बीच एक साथ सिनेमा देखने पर गुरुजी द्वारा छड़ी से क्लास ली जाती थी। पटना से आए व्यवसायी ओमप्रकाश ने बताया कि जिला स्कूल के जैसा अनुशासन किसी स्कूल में नहीं था। विद्यालय में ही गुरुजन पढ़ाई हुई चीजों को याद करा देते थे। छड़ी से पिटाई करने पर भी अभिभावक कुछ नहीं बोलते थे। अब समय के साथ सब बदल गया है। मौके पर पटना से आए व्यवसायी मनोज कुमार सिंह, रांची से अमोद कुमार, सहारा इंडिया में कार्यरत रफत अली, रंजीत कुमार, तापस दास, एसबीआइ अहियापुर में पदस्थापित अजय कुमार, रामेश्वर, राकेश कुमार, देवेंद्र पासवान, कमलेश सिंह आदि थे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था।