पश्चिम चंपारण में कुख्यात पतरू चौधरी ने किया आत्मसमर्पण, कई मामलों में थी पुलिस को तलाश Muzaffarpur News
80 के दशक से पुलिस को दे रहा था चकमा अपहरण हत्या डकैती जैसे गंभीर मामलों में थी तलाश। पुलिस मुठभेड़ में सरगना की मौत के बाद वर्षो तक किया गिरोह का नेतृत्व।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वर्षों तक आतंक का पर्याय रहे कुख्यात बंशी चौधरी उर्फ वंशी मल्लाह उर्फ पतरू चौधरी ने पुलिस दबिश के कारण मंगलवार को बगहा एसपी राजीव रंजन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। बगहा व बेतिया पुलिस 80 के दशक से ही उसकी तलाश कर रही थी। लेकिन, हर बार वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकलता था। कई पुलिस मुठभेड़ों में भी पतरू बच निकला। वह कुख्यात ध्रुव चौधरी गिरोह का सदस्य था। पुलिस मुठभेड़ में ध्रुव की मौत के बाद पतरू ने गिरोह के सरगना के तौर पर वर्षों तक आतंक मचाए रखा।
एसपी राजीव रंजन ने बताया कि आत्मसमर्पण करने इसने बगहा, रामनगर, चौतरवा, गोवर्धना के साथ-साथ बेतिया के योगापट्टी, लौरिया, बैरिया, चनपटिया आदि थाना क्षेत्रों में दर्जनों घटनाओं का अंजाम दिया था। मुठभेड़ के दौरान वह जवानों पर फायङ्क्षरग करते हुए भाग निकला। इसके बाद उसने नेपाल में शरण ले ली। पतरू की गिरफ्तारी के लिए एएसपी अभियान धर्मेन्द्र कुमार झा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर छापेमारी की जा रही थी। उसने समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की प्रतिबद्धता दोहरायी। कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पतरू को जेल भेज दिया जाएगा।